टीएनपी डेस्क(TNP DESK):  पीएम नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आपातकाल की घटनाओं को याद किया. उन्होंने इसे भारत के इतिहास का ‘काला अध्याय’ बताते हुए कहा कि यह हमारी लोकतांत्रिक मानसिकता थी जिसकी आखिरकार प्रबल जीत हुई.

"मन की बात" की 90 वीं कड़ी के आरंभ में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की पीढ़ी के नौजवानों को जानकर आश्यर्च होगा कि उनके माता-पिता का अपनी युवावस्था में जीवन का अधिकार छीन लिया गया था.1975 में 25 जून को देश में आपातकाल लागू किया गया था. इस दौरान देश के नागरिकों से सारे अधिकार छीन लिए गए थे. उसमें से एक अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिला ‘जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार’ भी था. उन्होंने कहा कि उस समय भारत के लोकतंत्र को कुचल देने का प्रयास किया गया था. देश की अदालतें, हर संवैधानिक संस्था, प्रेस, सब पर नियंत्रण लगा दिया गया था. सेंसरशिप की ये हालत थी कि बिना स्वीकृति कुछ भी छापा या प्रकाशित  नहीं हो सकता था. इस दौरान प्रधानमंत्री ने मशहूर गायक किशोर कुमार पर उस दौरान लगे प्रतिबंध की भी चर्चा की.पीएम ने बताया कि सरकार की वाह-वाही करने से इनकार करने पर किशोर कुमार पर प्रतिबंध लगा दिया गया.

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करोड़ों लोगों ने सुनी मन की बात 

उन्होंने कहा, “बहुत कोशिशों, हजारों गिरफ्तारियों और लाखों लोगों पर अत्याचार के बाद भी, भारत के लोगों का लोकतंत्र पर से विश्वास डिगा नहीं. भारतीयों में, सदियों से, जो लोकतंत्र के संस्कार चले आ रहे हैं, जो लोकतांत्रिक भावना हमारी रग-रग में है. आखिरकार जीत उसी की हुई. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लोगों ने लोकतांत्रिक तरीके से ही आपातकाल को हटाकर वापस, लोकतंत्र की स्थापना की.तानाशाही की मानसिकता को लोकतांत्रिक तरीके से पराजित करने का ऐसा उदाहरण पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है. व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के एक सैनिक के रूप में देशवासियों के संघर्ष का गवाह रहने का साझेदार रहने का सौभाग्य उन्हें भी मिला था.पीएम मोदी के इस कार्यक्रम को करोड़ों लोगों ने सुना.