टीएनपी डेस्क(TNP DESK): जलेबी समोसा भारत का एक ऐसा नाश्ता है जो हर कोई खाना पसंद करता है. चाहे सुबह का नाश्ता हो या फिर शाम का नाश्ता सभी की पहली पसंद यही होती है. भले ही समोसे को तलने में काफी ज्यादा तेल का उपयोग किया जाता है वहीं जलेबी में काफी ज्यादा चीनी की मात्रा होती है लेकिन फिर भी लोग टेस्ट के आगे स्वास्थ्य से समझौता कर लेते है और बिना कुछ सोचे समझे पेट भर नाश्ता करते है. लेकिन अब लोगों को इस पर विचार करना होगा क्योंकि सरकार की ओर से एक गाइडलाइन जारी की गई है.
लोगों को इस बात की जानकारी जरूर होनी चाहिए कि वह क्या खा रहे है
आपको बताये कि सरकार की ओर से एक फरमान जारी किया गया है जिसमे यह बात कही गई है कि लोगों को इस बात की जानकारी जरूर होनी चाहिए कि वह क्या खा रहे हैं और उसको खाने से उन्हें कितना नुकसान और कितना फ़ायदा होगा. यानि अब जलेबी समोसा बेचने से पहले ग्राहक को यह बताना पड़ेगा कि जो वह बेच रहे है उसको खाने से उनके ग्राहकों के स्वास्थ्य पर इसका कितना बुरा असर पड़ेगा.
ऐसे दुकानदार के लिए जारी हुआ है निर्देश
अगर आप ये सोच रहे हैं कि हर हलवाई की दुकान या होटल में आपको ये चेतावनी का बोर्ड दिखेगा तो ऐसा बिल्कुल नहीं है. सरकार की ओर से ये केवल केंद्रीय मंत्रालयों, सरकारी विभागों और सेंट्रल इंस्टीट्यूट की कैंटीन में ही देखने को मिलेगा.
पढ़े इसके पीछे की वजह
अब बहुत से लोगों के मन में सवाल उठेगा कि आखिर सरकार की ओर से इस तरह की गाइडलाइन जारी करने की जरूरत क्यों पड़ गई. आपको बता दें कि जिस तरह से मधुमेह और दिल की बीमारी बढ़ रही है, अब सरकार जंक फूड को सबसे बड़ा करण मान रही है. इसको लेकर यह निर्देश जारी किया गया है ताकि लोगों को भी पता चले कि वह जो खा रहे हैं उससे उनके शरीर पर इसका क्या प्रभाव पड़ने वाला है.
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