सरायकेला (SARAIKELA) : झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पूरा परिवार इन दिनों उनके ननिहाल सरायकेला जिले के चांडिल प्रखंड के धातकीडीह गांव में ठहरा है. सोहराय पर्व के मौके पर बीते तीन दिनों से हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन उनके दोनों बच्चे, उनकी मां रूपी सोरेन, उनके भाई सह विधायक बसंत सोरेन की पत्नी व बच्चे त्योहार के रंग में डूब जमकर मस्ती कर रहे हैं. इस प्रवास के पहले दिन जहां हेमंत सोरेन के पिता पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन शामिल हुए थे, वहीं दूसरे दिन बीते कल खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने ननिहाल पहुंच सोहराय पर्व मनाया था. हालांकि उनके लौटने के बाद भी उनका पूरा परिवार अभी ननिहाल में ही ठहरा है और जमकर त्यौहार की मस्ती में डूबा है.

 तीसरे दिन यानि सोमवार को सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन, उनकी माता रूपी सोरेन समेत परिवार के सभी सदस्यों ने चांडिल डैम का दौरा कर खूब मस्ती की. चांडिल डैम पहुंचने पर मत्स्य जीवी विस्थापित समिति के सदस्यों ने पारंपरिक तरीके से सभी का स्वागत किया. पूरे परिवार ने पहले वोटिंग कर जमकर मस्ती की. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन मत्स्य पालन व मछली पकड़ने का गुर सीखती नजर आई. सबसे पहले उन्होंने केज कल्चर द्वारा चल रहे पंगेसीयस मत्स्य पालन का जायजा लिया. फिर एंग्लिंग (बंसी) के द्वारा मछली पकड़ने का गुर सिखा. चंद मिनटों की ट्रेनिंग में ही कल्पना सोरेन ने मछली पकड़ने में  सफलता हासिल कर लीं. इस दौरान वे काफी खुश नजर आईं. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि सोहराय पर्व प्रकृति से जुड़ा पर्व है और प्रकृति में ही सारे पेड़ पौधे, वन्यजीव व जल जीव शामिल हैं. इसकी बेहतरी की कामना ही सोहराय पर्व में की जाती है. उन्होंने चांडिल डैम में हो रहे मत्स्य पालन की तारीफ की तथा इस डैम के जरिए हो रहे मत्स्य पालन से हजारों परिवार के विकास होने की खुशी जताई. उन्होंने कहा कि वह दोबारा फिर से ननिहाल दौरे पर आएंगी और फिर से चांडिल डैम घूमने भी आएंगी.