दुमका (DUMKA) के ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल में 1. 42 करोड़ रुपए सरकारी राशि के गबन मामले में कल हमने आपको बताया कि कैसे सरकारी व्यवस्था में व्याप्त खामी का फायदा उठाते हुए एक शख्स रातों रात खाकपति से करोड़पति बन गया. आज हम आपको बता रहे हैं कि जब जी के इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर राजेश कुमार सिंह के खाता में 1.42 करोड़ रुपया पहुंचा तो उन रुपयों का क्या हुआ.
खुद के साथ ही भाइयों को भी बना दिया लखपति
बता दें कि 28 अक्टूबर की रात जब राजेश कुमार सिंह गबन की राशि से करोड़पति बन गया तो उसने अपने दो भाइयों को भी लखपति बना दिया. राजेश सिंह मूल रूप से बिहार के नवादा जिला का रहने वाला है लेकिन कुछ वर्षों से दिल्ली में रह रहा है. उसने अपने छोटे भाई रंजन सिंह के खाता में 54 लाख और दूसरे भाई के खाते में ₹22 लाख ट्रांसफर कर दिया. फोन कर रंजन को बताया कि कोरोना का हाल में फैक्ट्री बंद रहने के कारण उसने फैक्ट्री भेज दिया. इस राशि से वह गांव में जमीन खरीद ले. अनुसंधान के क्रम में पुलिस ने जी के इंटरप्राइजेज के खाते से हुए ट्रांजैक्शन के आधार पर नवादा से जब रंजन को लेकर दुमका पहुंची तब इस मामले का खुलासा हुआ. फिलहाल पुलिस रंजन को साथ लेकर राजेश की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली में जगह-जगह छापेमारी कर रही है.
कहानी में ट्विस्ट
बात यहीं समाप्त नहीं हुई कहानी में अभी ट्विस्ट बाकी है. दरअसल दुमका पुलिस जब नवादा से रंजन सिंह को लेकर दुमका के लिए रवाना हुई तो सिविल ड्रेस में कार से पांच आदमी दुमका पुलिस बनकर रंजन सिंह के पिता से मिले. उन्हें बताया गया कि रंजन को पकड़ने के लिए दुमका पुलिस की 3 टीम नवादा में 5 दिनों से कैंप कर रही थी. रुपए खर्च करने पर मामले को रफा-दफा किया जा सकता है. मामला समाप्त करने के नाम पर रंजन के पिता ने तथाकथित दुमका पुलिस को ₹ 2.10 लाख दे दिए. ठग ने रंजन के पिता को एक मोबाइल नंबर भी दिया जिस पर बात कर जानकारी लेने को कहा गया. इधर जब रंजन को लेकर पुलिस दुमका पहुंची तो रंजन के पिता ने रंजन को फोन कर बताया कि चिंता की कोई बात नहीं है. मामला समाप्त करने के लिए दुमका पुलिस से बात हो गई है. वहीं ₹2.10 लाख पुलिस को दिए जा चुके हैं. चूंकि रंजन का फोन पुलिस ने जब्त कर लिया था लेकिन पिता का फोन आने पर स्पीकर ऑन कर रंजन को दिया गया. मोबाइल पर पिता और पुत्र की बात पुलिस के सामने होने के कारण यह कहानी आज जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है.
रिपोर्ट : पंचम झा, दुमका
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