पाकुड़ (PAKUR) - पाकुड़िया प्रखंड क्षेत्र में मंगलवार को नहाय-खाय के साथ श्रद्धा और आस्था का पर्व जिउतिया आरंभ हो गया. इसी के साथ बुधवार तक 24 घंटे का व्रती महिलाएं निर्जला उपवास रखेंगी. मौके पर महिलाओं ने एक दूसरे को सिन्दूर लगाकर सुहाग के सलामती की कामना की. बता दें कि बुधवार को खरजिउतिया करने वाली व्रती तारा देखकर अन्न-जल ग्रहण करेंगी.
आश्विन माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है जिउतिया का र्पव
हिंदू समाज में जिउतिया अर्थात जीवित्पुत्रिका व्रत का विशेष महत्व माना गया है. स्थानीय पंडितों की माने तो जीवित्पुत्रिका व्रत माताएं अपनी संतान की सुरक्षा, स्वस्थ, सुखी और दीर्घायु होने के लिए करती रही हैं. वही हिंदू पंचांग के अनुसार यह व्रत आश्विन माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है. जिउतिया में फलों का प्रसाद चढ़ाने की परंपरा रही है. जिसके कारण बीते दिन पाकुड़िया बाजार में काफी भीड़ देखने को मिली. इसके अलावा व्रती महिलाओं ने बताया कि संतान के लिए जिउतिया सबसे उत्तम पर्व है.
रिपोर्ट:आसिफ,पाकुड़िया(पाकुड़)
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