सरायकेला(SARAIKELA): अधर में लटके सैकड़ों छात्रों के भविष्य के ऊपर छाया संकट का बादल अब छटने लगा है.  इंस्टीट्यूट फॉर एजुकेशन बीएड कॉलेज का प्रशासनिक टीम द्वारा भौतिक सत्यापन नहीं हो पाया था. जिससे फॉर्म भरने के लिए ऑनलाइन पोर्टल में छात्रवृत्ति मिलने के लिए कॉलेजों की लिस्ट में इस कॉलेज का नाम शामिल नहीं हो पा रहा था. ऐसे में छात्र छात्रवृत्ति से वंचित थे. पूरी स्थिति में उहापोह से परेशान छात्रों ने उपायुक्त अरवा राजकमल से अपने भविष्य को बचाने को लेकर गुहार लगाई. इसके बाद डीसी के प्रयास से उम्मीद जाहिर की जा रही है कि छात्रों की समस्या दूर होगी. 

क्या है मामला?

दरअसल, यह मामला गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत ऊपर विजय गांव स्थित इंस्टीट्यूट फॉर एजुकेशन बीएड कॉलेज के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति से जुड़ा है. जहां बीएड कॉलेज के 2019-20 तथा 2020-21 सत्र के छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिल पा रहा था. छात्रवृत्ति नहीं मिलने के कारण उन पर पूरी फीस देकर परीक्षा फार्म भरने का दबाव पड़ गया था. फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है. फॉर्म भरने में बेहद कम समय बचे रहने के कारण छात्र काफी परेशान थे कि आखिर छात्रवृत्ति के तौर पर कल्याण विभाग द्वारा दो सालों के लिए मिलने वाली ₹76 हजार रुपए की राशि का सामंजस्य कैसे हो पाएगा और इतनी बड़ी रकम इतने कम समय में उनके पास कैसे आ पाएगी.   छात्रों से जुड़े इस बेहद संवेदनशील मामले को लेकर डीसी ने काफी संजीदगी दिखाते हुए विशेष तौर पर उक्त कॉलेज की छात्रवृत्ति देने हेतु भौतिक सत्यापन के नियम को पालन करने के लिए समेकित जनजाति विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक संदीप दोराईबुरु से त्वरित जांच कराई और फिर अगली कार्रवाई के लिए विशेष तौर पर जिला कल्याण पदाधिकारी को रांची सचिवालय रवाना कर दिया है. वहीं वे खुद छात्रों से जुड़े इस विषय पर फोन से लगातार जानकारी भी ले रहे हैं और जिला कल्याण पदाधिकारी को काम पूरा करने के बाद ही लौटने का निर्देश दिया है.इस बारे में डीसी अरवा राजकमल ने बताया कि कॉलेज के भौतिक सत्यापन नहीं होने के कारण ऑनलाइन पोर्टल में इस कॉलेज का नाम नहीं दिखा रहा है. जब से यह मामला उनके संज्ञान में आया हैं, तब से वे लगातार छात्रों से जुड़े इस समस्या के समाधान हेतु लगातार प्रयासरत हैं.

रिपोर्ट: विकास कुमार, सरायकेला