कोडरमा (KODERMA): पिछले साल प्रकाश झा की एक फिल्म आई थी- “परीक्षा”. इस फिल्म में जिले के एसपी एक गरीब रिक्शे वाले के बेटे और उसके साथ के अन्य बच्चों को अपनी ड्यूटी से समय निकाल कर पढ़ाने आते थे. जिसके बाद उस इलाके में और भी गरीब बच्चे उनसे पढ़ने आने लगे. यह तो रही फिल्म की बात. इस फिल्म की तरह ही झारखंड के एक डीसी भी ऐसे युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे, जो महंगे कोचिंग लेने में असमर्थ हैं.
खुद पढ़ाते युवाओं को
हम बात कर रहे हैं, कोडरमा जिले के उपायुक्त आदित्य रंजन की. उपायुक्त आदित्य रंजन ने जिले भर में अपने काम से मिसाल पेश की है. जिले में कई बेरोजगार युवक हैं, जिन्हें शिक्षा और प्रशिक्षण की बेहद आवश्यकता है. ऐसे गरीब युवाओं के लिए किसी भी परीक्षा के लिए तैयारी करना बेहद मुश्किल भरा काम हो गया. इसे देखते हुए उपायुक्त ने खुद ही अपने ड्यूटी से समय निकाल कर इन युवाओं को कोचिंग देना शुरू कर दिया. उपायुक्त का मानना है कि बिना शिक्षा के युवा आगे नहीं बढ़ सकता. शिक्षा ग्रहण करने के बाद ही ये सभी युवा जीवन में अपने सभी सपनों को साकार कर सकता है. कोडरमा उपायुक्त के इस कदम में कोडरमा विधायक नीरा यादव और बरकट्ठा विधायक अमित कुमार यादव का भी बेहद सहयोग मिल रहा है. इसके लिए उपायुक्त ने उनकी सराहना करते हुए धन्यवाद भी दिया है. बहरहाल, जिले के युवा एवं युवतियां जिला प्रशासन के द्वारा चलाए जा रहे प्रशिक्षण केंद्र एवं ट्यूशन में शिक्षा के साथ-साथ दक्षता हासिल कर रहे हैं. वहीं पूरे लगन से वहां के शिक्षक भी बच्चों को शिक्षित करने का कार्य कर रहे हैं. बता दें कि कोरोना के पहले लहर के दौरान उपायुक्त आदित्य रंजन चाईबासा जिले में बतौर उप विकास आयुक्त के रूप में कार्यरत थे. कोविड के बढ़ते प्रकोप के बीच वो तरह-तरह के प्रयोग कर रहे थे. जैसे, रिमोट से ट्रॉली को खींचने का. क्योंकि, कोरोना में एक-दूसरे से दूरी बनाकर सारे काम करने थे, इसलिए यह उपाय बेहद रंग लाया और इसे लोगों ने बेहद पसंद भी किया.
BIT मेसरा से की है इंजीनियरिंग की पढ़ाई
कहते हैं, नए-नए प्रयोग करने का हुनर इंजीनियरों के पास ही होता है. उपायुक्त आदित्य रंजन भी एक इंजीनियरिंग के ही छात्र रहे हैं. उन्होंने झारखंड के रांची में स्थित बहुचर्चित संस्थान बीआइटी मेसरा से पढ़ाई की है.
रिपोर्ट: संजय शर्मा, कोडरमा
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