गुमला(GUMLA)-बिहार और उत्तर प्रदेश से शुरू हुआ महा आस्था का पर्व झारखंड के विभिन्न जिलों में काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है. गुमला जैसे आदिवासी बहुल इलाके में भी कई परिवार के लोग इस पर्व को मनाते हैं. छठ महापर्व में अब महज कुछ दिन ही बचे हैं, लेकिन जिला के छठ घाटों में सफाई शुरू नहीं हो पायी है. इसको लेकर लोगों ने चिंता व्यक्त की है.
बेहतर व्यवस्था का दावा
गुमला एक आदिवासी बहुल जिला है. लेकिन जिला के विभिन्न इलाकों में महा आस्था का पर्व छठ काफी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. वहीं छठ घाटों की सफाई को लेकर प्रशासन की तरफ से कोई पहल नहीं की गई है. जिला मुख्यालय के विभिन्न तालाबों के साथ ही एक बहुत बड़ी आबादी जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर स्थित कोयल नदी में पर्व के लिए जाती है. हर बार प्रशासन की ओर से आने वाले दिनों में बेहतर व्यवस्था का दावा किया जाता है, लेकिन कुछ हो नहीं पाता. इस बार भी कुछ उसी तरह की स्थिति बनती दिख रही है. जिला के जो परिवार छठ करते हैं, उनमें काफी उत्साह तो दिख रहा है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता उन्हें परेशान कर रही है.
अन्य धर्मों के लोग भी होते हैं शामिल
वहीं छठ पर्व करने वाली महिलाओं की माने तो प्रशासनिक लापरवाही के कारण अर्ध्य के दौरान उन लोगों को काफी दिक्कत होती है. उनकी माने तो इस पर्व में शामिल होने के लिए उनके सगे सम्बधी भी दूर दराज से आते हैं. जो पर्व को लेकर उत्साहित तो रहते हैं, लेकिन इस दौरान व्यवस्था सही नहीं होने से काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. वहीं छठ पर्व की महत्व को समझते हुए अन्य धर्मों के लोग भी इसमें खुलकर सहयोग करते हैं. ऐसे में प्रशासन को अभी से ही व्यवस्था को बेहतर करने की कोशिश करनी चाहिए.
रिपोर्ट : सुशील कुमार सिंह, गुमला
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