रांची(RANCHI): झारखंड के बोकारो में दो दिनों से बवाल जारी है. हिंसा की आग में एक युवक की जान लाठीचार्ज में चली गयी. इसके बाद प्रदर्शन कर रहे लोग आक्रोशित हो गए. विधायक से भी बोकारो स्टील के पास नोक झोंक हुई. इस मामले में अब कांग्रेस की पूर्व विधायक अम्बा प्रसाद ने भी मोर्चा खोल दिया है और विस्थापितों को हक़ दिलाने के लिए लम्बी लड़ाई की घोषणा कर दी है.

दरअसल, अम्बा प्रसाद ने अपने सोशल मीडिया अकॉउंट में एक कविता लिखी है, जिसके जरिये उन्होंने बोकारो स्टील से लेकर सुरक्षा कर्मी और स्थानीय पुलिस पर सवाल उठाया है. उन्होंने साफ़ तौर पर एक बड़े आंदोलन की चेतवानी दे दी है. अम्बा ने लिखा है कि          

"जनता है हम , जंतु नहीं

हक़ मागेंगे छोड़ेंगे नहीं!

जान जायेगी, हिम्मत नहीं,

हक लेकर रहेंगे टूटेंगे नहीं!

पिट के मारो चाहे गोली से,

हक हासिल करेंगे हम बोली से,

राम-रहीम की एक पुकार,

नहीं सहेंगे अत्याचार...

पूरे देश में कॉर्पोरेट गुंडागर्दी चल रही है, प्रशासन भी उनके साथ दे रहा है. इनकी गुंडागर्दी के खिलाफ़ आवाज़ उठाने वालों को पीट-पीटकर मार दिया जाए, तो भय का माहौल खड़ा हो जाएगा. इससे यह संदेश दिया जा रहा है कि—“अगर तुम अपने हक़ की मांग करोगे, तो ये तुम्हारा जीवन ही छीन लेंगे, जब जीवन ही नहीं रहेगा तो फिर आजीविका कैसा?” यह समझ नहीं आ रहा कि देश में कानून का शासन है या शासक का कानून?

रसंधारी BSL मुर्दाबाद

संवेदनहीन पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद"

इस पोस्ट को पढ़ने से यह साफ जाहिर होता है कि अम्बा प्रसाद विस्थापितों को लेकर चुप नहीं बैठने वाली है. विस्थापित को लेकर शुरू से ही आवाज़ बुलंद करती है. अब जब बोकारो में विस्थापित की जान गयी है तो बवाल मचा और अम्बा ने भी आंख दिखाया है.

रिपोर्ट: समीर हुसैन