जमशेदपुर (JAMSHEDPUR): जिला के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम की स्थिति दिनों-दिन बद से बदतर होती जा रही है. अस्पताल में भयंकर अव्यवस्था है. डॉक्टर मरीजों से सीधे मुंह बात नहीं करते. अस्पताल में मरीजों को दवा नहीं मिलती. इलाज के नाम पर यहां सिर्फ मरहम पट्टी का ही काम होता है. और-तो-और यहां मरिजों को बेड तक की सुविधा मिलना दुभर हो जाता है. गंभीर हालत में आए मरीजों को यहां से फौरन टीएमएच या रिम्स रेफर कर दिया जाता है. जिनके पास पैसे होता है वह तो इलाज के लिए टीएमएच पहुंच जाते हैं. लेकिन गरीब एमजीएम अस्पताल में ही दम तोड़ देते हैं. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जमशेदपुर पश्चिम से विधायक हैं. ऐसे में इलाके के सबसे बड़े अस्पताल कहे जाने वाले एमजीएम अस्पताल की यह हालत कई बड़े सवाल खड़े करती है. हाल में ही एमजीएम अस्पताल से लापरवाही का एक नया मामला सामने आया है. अब इसे लापरवाही कहेे या अस्पताल की अव्यवस्था, कि इलाज के लिए आई एक महिला को खुद के पैसों से फोल्डिंग (बेड) खरीद कर लाना पड़ा, तब जाकर उसका इलाज हो पाया.
क्या है मामला
एमजीएम अस्पताल में बेड नहीं मिलने पर डिमना रोड की रहने वाली श्वेता बाजार से फोल्डिंग खरीद कर लाई. इसी फोल्डिंग पर बैठकर उसने अपना इलाज कराया.श्वेता के पेट में दर्द था. परिजन उसे लेकर इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल पहुंचे तो वहां बेड नहीं था. जमीन पर ही मरीज अपना इलाज करा रहे थे. डॉक्टर ने उसे जमीन पर लेट कर इलाज करवाने को कहा. इसके बाद श्वेता और उसके परिजन बाहर से खरीद कर फोल्डिंग लाए. इस पर श्वेता लेटी और उसका इलाज हुआ. गौरतलब है कि कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम की हालत खस्ता है. यहां बेड की काफी कमी है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जमशेदपुर पश्चिम से ही विधायक हैं. इसके बावजूद एमजीएम अस्पताल की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है.
रिपोर्ट: रंजीत ओझा, जमशेदपुर
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