TNP DESK- तो क्या बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दीघा में जगन्नाथ धाम के बहाने अपने वोटरों को एकजुट करने में लग गई है. वह जानती है कि 2026 का विधानसभा चुनाव बहुत आसान नहीं होगा. भाजपा को हर मुद्दे पर पटकनी दिए बिना वह चुनाव नहीं जीत सकती है. तो शायद इसीलिए उन्होंने अपना तौर- तरीका बदल दिया है. समुद्री तट दीघा में जगरनाथ धाम के उद्घाटन के पहले से ही वहां डटी रही और उद्घाटन के बाद कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि इसका प्रसाद और फोटो घर-घर तक पहुंचाया जाए. वैसे उन्होंने बुधवार को उद्घाटन के समय घोषणा की थी कि दीघा जगरनाथ मंदिर का प्रसाद और तस्वीर पूरे पश्चिम बंगाल के हर घर तक पहुंचाया जाए. इसके लिए उन्होंने पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं को निर्देशित भी किया. मतलब भाजपा जिस राह पर चलती है ,उसकी काट के लिए ममता बनर्जी ने अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है. 2026 के चुनाव प्रचार के केंद्र में जगरनाथ धाम निश्चित रूप से रहेगा.
इस जगन्नाथ धाम का दर्शन करने पहुंचे थे पूर्व सांसद दिलीप घोष
इसी जगन्नाथ धाम का दर्शन करने भाजपा नेता पूर्व सांसद दिलीप घोष पहुंचे थे. उसके बाद वह भाजपा नेताओं का राजनीतिक हमले झेल रहे है. आशंका व्यक्त की जा रही है कि वह पार्टी बदल सकते है. बताया जाता है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद पांडेश्वर से तृणमूल कांग्रेस के विधायक नरेंद्र नाथ चक्रवर्ती घर-घर प्रसाद और तस्वीर वितरण कार्यक्रम शुरू किया है. वह घर-घर जाकर लोगों को दीघा के जगरनाथ मंदिर का प्रसाद और तस्वीर वितरण कर रहे है. उनके साथ चल रहे लोग जय जगरनाथ के नारे भी लगा रहे है. लोग खुशी-खुशी प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं और ममता बनर्जी की गुणगान भी कर रहे है. तृणमूल नेता और कार्यकर्ता कह रहे हैं कि ममता दीदी के इच्छा के अनुसार प्रसाद और तस्वीर हर घर में पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. निश्चित रूप से तृणमूल कांग्रेस का यह प्रयास लोगों को धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से जोड़ने में मदद करेगी.
जगन्नाथ धाम का उद्घाटन अभी बंगाल के चर्चा के केंद्र में है
बता दें कि दीघा में जगन्नाथ धाम का उद्घाटन अभी चर्चा के केंद्र में है. ममता बनर्जी इसके बहाने अपने वोटरों को साधने की कोशिश कर रही है. यह मंदिर 250 करोड रुपए की लागत से 22 एकड़ जमीन पर बनाया गया है. मंदिर का स्वरूप जगरनाथ मंदिर का प्रतिकृति पर आधारित है. मंदिर राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर से बना है. इसमें भगवान जगरनाथ , बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां स्थापित की गई है. कहा तो यह भी जा रहा है कि 2026 के विधानसभा चुनाव में से पहले मंदिर का उद्घाटन ममता बनर्जी का हिंदू समुदाय से जुड़ने का राजनीतिक कदम भी हो सकता है. भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने मंदिर निर्माण में सरकारी धन के उपयोग पर सवाल उठाए है. हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने इसे बंगाल की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को मजबूत करने वाला कदम बताया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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