धनबाद(DHANBAD):  क्या कोल इंडिया के बोनस भुगतान के तरीके में बदलाव की तैयारी है? क्या  मजदूर संगठनों का दबाव मैनेजमेंट पर 2025 में भी भारी पड़ेगा.  यह सवाल अब धीरे-धीरे बड़ा होता जा रहा है.  कोल इंडिया में बोनस भुगतान के तरीके में बदलाव की चर्चा फिलहाल तेज है.  सूत्र बताते हैं कि कोल इंडिया के स्वतंत्र निदेशक तरीके बदलने का दबाव बना रहे है.  कोल इंडिया और उसकी सभी सहायक कंपनियो  के कर्मचारियों को हर साल दुर्गा पूजा के मौके पर बोनस देने का नियम है.  यह बोनस जेबीसीसीआई की  मानकीकरण समिति की बैठक में यूनियन और कोल इंडिया मैनेजमेंट के बीच बातचीत से तय की जाती है.  कभी-कभी तो तनातनी की वजह से कई बैठकें  करनी पड़ती है. 

फिलहाल के तरीके  का क्यों हो रहा विरोध 

 सूत्र बताते हैं कि केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त स्वतंत्र निदेशकों की ओर से बार-बार उठाया जा रहा है कि बिना किसी स्पष्ट स्कीम के बोनस भुगतान पर लगातार आपत्तियां दर्ज हो रही है.  2024 में भी प्रबंधन ने  बोनस निर्धारण के तरीके बदलने का प्रयास किया था.  लेकिन ट्रेड यूनियन के नेता भारी पड़े और मैनेजमेंट बैकफुट पर चला गया.  2025 में भी हो सकता है कि मैनेजमेंट किसी नए  तरीके को लेकर ट्रेड यूनियन नेताओं के सामने आए या यह भी हो सकता है कि ट्रेड यूनियन  नेता इसका विरोध कर दें और बदलने का निर्णय ठंढे बस्ते  में  चला जाए.  

22 सितंबर को बैठक है प्रस्तावित -सूत्र 

बताया जाता है कि 22 सितंबर को नई दिल्ली में मानकीकरण समिति की बैठक प्रस्तावित है.  वर्ष 2024 में कोयलाकर्मियों को 93,750 रुपए का भुगतान बोनस मद  में किया गया था.  अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो कंपनी के मुनाफे को देखते हुए इस बार कोल् कर्मियों को बोनस ₹1,00,000 से अधिक हो सकता है.  हालांकि इसका निर्णय तो बैठक में ही होगा.  लेकिन कोयलांचल  सहित कोल इंडिया की सभी अनुषंगी  इकाइयों में बोनस को लेकर चर्चा तेज है. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो