धनबाद (DHANBAD) : देश की कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी इकाइयों के अधिकारियों के लिए अगला सप्ताह खुशी लेकर आ रहा है. सूत्रों के अनुसार अगले सप्ताह हर हाल में पीआरपी यानी परफॉर्मेंस रिलेटेड पे का भुगतान हो जाएगा. कंपनियां पीआरपी की गणना में जुटी हुई है. सूचना के मुताबिक 25 जून से पहले संभव है कि भुगतान कर दिया जाए. सूत्र यह भी बताते हैं कि किट्टी फैक्टर भी कंपनियों तक पहुंच रहा है. जिन कंपनियों की रेटिंग एक्सीलेंट है, उनके अधिकारियों को अतिरिक्त लाभ की उम्मीद है. पिछले वर्ष की तुलना में 10% अधिक मिलने की संभावना है. एक्सीलेंट रेटिंग वाली कंपनियों के अधिकारियों को 15 लाख तक पीआरपी मिल सकता है. हालांकि मिनिमम राशि भी तय होगी.
पीआरपी कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर मिलने वाला बोनस है.
पीआरपी कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर मिलने वाला बोनस है. जो अधिकारियों को उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया जाता है. कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी कंपनियों की जो रेटिंग जारी हुई है, उसमें ईसीएल को छोड़कर सभी कंपनियों की रेटिंग एक्सीलेंट है. पहले नंबर पर सीएमपीडीआईएल है ,तो दूसरे नंबर पर बीसीसीएल है. ओवरऑल डिपार्टमेंट ऑफ़ पब्लिक एंटरप्राइजेज की ओर से जारी की गई रेटिंग में कोल इंडिया को भी एक्सीलेंट मिला है. यह वर्ष 2023- 24 में कोयला अधिकारियों को बंपर पीआरपी मिलने के संकेत है. कोयला अधिकारियों के पीआरपी में कोल इंडिया और अनुषंगी कंपनियों की रेटिंग का महत्वपूर्ण योगदान होता है. इसके अलावा अन्य फैक्टर भी हैं ,जो निर्धारण में सहायक होते है.
2022-23 में कोल इंडिया की रेटिंग वेरी गुड थी. लेकिन 23-24 में रेटिंग एक्सीलेंट है.
2022-23 में कोल इंडिया की रेटिंग वेरी गुड थी. लेकिन 23-24 में रेटिंग एक्सीलेंट है. मतलब है कि पिछले साल से अधिक पीआरपी का भुगतान होगा. एक अनुमान के अनुसार न्यूनतम ढाई लाख और अधिकतम 15 लाख रुपए तक का पीआरपी मिल सकता है. कोयला अधिकारी इसकी प्रतीक्षा कर रहे है. कोयलांचल की बात हो या कोल इंडिया की सभी अनुषंगी इकाइयों की बात करें. सभी जगह अभी अधिकारियों के पीआरपी यानी परफॉर्मेंस रिलेटेड पे की ही चर्चा है. बीसीसीएल समेत अधिकतर अनुषंगी कंपनियां की रेटिंग एक्सीलेंट मिली है. एक दो कंपनियां पिछड़ गई है. अब अधिकारी किट्टी फैक्टर भी पहुंचने लगा है. . किट्टी फैक्टर एक फार्मूला है ,जिससे अधिकारियों के ग्रेड के अनुसार पीआरपी का भुगतान होता है. कोल इंडिया एवं अनुषंगी कंपनियों के लिए रेटिंग पहले ही जारी की गई है.
कोल इंडिया की सात कंपनियों का प्रदर्शन एक्सीलेंट माना गया है
इस रेटिंग के अनुसार कोल इंडिया की आठ अनुषंगी कंपनियों में से सात का प्रदर्शन एक्सीलेंट माना गया है. सर्वाधिक स्कोर के साथ बीसीसीएल, सीएमपीडीआईएल एवं एनसीएल टॉप पर है. एक्सीलेंट रेटिंग वाली अनुषंगी कंपनियों के अधिकारियों को अधिक पीआरपी मिलने की उम्मीद है. हालांकि रेटिंग के अलावा कंपनी का मुनाफा और अधिकारियों का प्रदर्शन भी इसमें महत्वपूर्ण है. आखिर क्या है यह किट्टी फैक्टर, जिसकी कोयला क्षेत्र में अभी खूब चर्चा है. दरअसल, प्रदर्शन से संबंधित वेतन पीआरपी में किट्टी फैक्टर एक प्रतिशत है, जो अधिकारी को उनके प्रदर्शन के आधार पर मिलने वाली पीआरपी की राशि निर्धारित करता है. इसकी गणना ग्रेड पीआरपी सीलिंग पर कट ऑफ कारकों को लागू करके की जाती है. जिसमें सीलिंग के 65% को शेष 35% से अलग तरीके से आंका जाता है. किट्टी फैक्टर 100 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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