धनबाद (DHANBAD) : धनबाद में एयरपोर्ट सुविधा पर तो "भस्मासुर" का हाथ पड़ गया है. बगल के जिले बोकारो एयरपोर्ट को लेकर भी राजनीति खूब हो रही है. केंद्र और राज्य सरकार के बीच बोकारो एयरपोर्ट "पेंडुलम" की तरह झूल रहा है. बोकारो स्टील प्लांट को भी इससे अलग नहीं किया जा सकता है. बोकारो एयरपोर्ट को लेकर भाजपा, झामुमो और कांग्रेस अपने-अपने ढंग से बयानबाजी कर रहे है. बोकारो एयरपोर्ट को लेकर झामुमो ने सांसद ढुल्लू महतो का पुतला फूंका तो जवाबी कार्रवाई में भाजपा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला फूंक दिया. बोकारो विधायक श्वेता सिंह भी बोकारो एयरपोर्ट को लेकर केंद्रीय मंत्री से मिली है. बहरहाल, यह मामला फिलहाल केंद्र और राज्य सरकार के बीच झूल रहा है.
शिबू सोरेन के नाम पर नामकरण की उठ गई है जोरदार मांग
इसबीच बोकारो सरना विकास समिति ने बोकारो एयरपोर्ट का नाम शिबू सोरेन के नाम पर रखने की मांग कर दी है. उनका कहना है कि शिबू सोरेन की कर्मभूमि बोकारो रही है. उन्होंने आदिवासी समाज के उत्थान के लिए लंबा संघर्ष किया है. ऐसे में बोकारो एयरपोर्ट का नाम उन्हीं के नाम पर होना चाहिए. बैठक में यह भी कहा गया कि पटना एयरपोर्ट का नाम छात्र आंदोलन के अगुआ रहे जयप्रकाश नारायण के नाम पर है. धनबाद में कोयलांचल विश्वविद्यालय का नाम विनोद बिहारी महतो के नाम पर है. धनबाद के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का नाम शहीद निर्मल महतो के नाम पर है. और नया मेडिकल कॉलेज(निर्माणाधीन ) दिवंगत जगरनाथ महतो के नाम पर बन रहा है.
शिबू सोरेन के नाम के लिए सरना विकास समिति का है अपना तर्क
ऐसे में बोकारो एयरपोर्ट का नाम शिबू सोरेन के नाम से रखना बिल्कुल उचित होगा. सरना विकास समिति जल्द ही अपनी इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करेंगी और उन्हें अपनी भावनाओं से अवगत कराएगी. बता देे कि बोकारो का एयरपोर्ट राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है. राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच "पेंडुलम" की तरह झूलता यह एयरपोर्ट सांसद ढुल्लू महतो और विधायक श्वेता सिंह के लिए भी बड़ी चुनौती है. विधायक श्वेता सिंह पर सीधा आरोप है कि उन्होंने चुनाव के पहले भरोसा दिया था कि चुनाव जीतने के बाद एयरपोर्ट को चालू करना पहली प्राथमिकता होगी. लेकिन यह मामला उलझता जा रहा है. बोकारो स्टील लिमिटेड भी सवालों के घेरे में है, तो राज्य सरकार पर भी कई आरोप है. केंद्र सरकार पर भी कई सवाल खड़े किए जा रहे है.
कई करोड़ खर्च के बाद भी चालू होने का हो रहा इंतजार
सूत्र बताते हैं कि अब तक इस एयरपोर्ट पर कई करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके है. लेकिन अभी भी डायरेक्टर जनरल का सिविल एविएशन से लाइसेंस का इंतजार है. उड़ान शुरू नहीं होने का यह भी एक बहुत बड़ा कारण है. एयरपोर्ट का काम पूरा होने के बाद पहाड़ी पर लाइट लगाना था. बगल के बूचड़खाने को हटाना था, लेकिन न लाइट लगी और बूचड़खाना हटाया गया. अलबत्ता 2024 में ही भरोसा मिला था कि लाइसेंस की प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाएगी. इसके बाद बोकारो एयरपोर्ट चालू हो जाएगा. बताया जाता है कि एयरपोर्ट शुरू करने के लिए कुछ तकनीकी कार्य केंद्र और राज्य सरकार के बीच फंसे हुए है. पहाड़ी पर लाइट लगाना, एक एंबुलेंस तथा मौसम उपकरण उपलब्ध कराना राज्य सरकार के जिम्मे है. एयरपोर्ट के लिए एनवायरनमेंट और प्रदूषण क्लीयरेंस भी लेना है. लेकिन ठोस पहल नहीं हो रही है. इस बीच बोकारो एयरपोर्ट राजनीतिक मुद्दा बन गया है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
Recent Comments