पलामू(PALAMU): इन दिनों नगर पंचायत हुसैनाबाद से एक से बढ़कर एक कारनामे सामने आ रहे हैं. पहले से ही मुख्य नहर के जीर्णोद्धार का काम चल रहे जगह पर नगर पंचायत ने पीसीसी सड़क बना दी और अब जीर्णोद्धार कर रही कंपनी ने सड़क को ही उखाड़ फेंका है और वहां मिट्टी डाल दी है. दरअसल, नगर पंचायत हुसैनाबाद द्वारा दिसंबर 2024 में 14 योजनाओं के लिए निविदा निकाली गई थी. उन योजनाओं में ही 8 नंबर पर मोहम्मदाबाद से डंपिंग साइट के लिए अनुमानित राशि 995192 व 9 नंबर पर डंपिंग साइड से मोहम्मदाबाद मेन रोड में पीसीसी पथ निर्माण कार्य के लिए अनुमानित राशि 993400 है.
लेकिन मजे की बात तो यह है कि नगर पंचायत द्वारा योजनाओं के स्थल का चेक स्लिप नहीं बनवाया गया और न ही स्थल की जानकारी ली गई कि कार्य किस जगह होना है. वह स्थान निजी है या अन्य विभाग के अधीन है. यही वजह है कि जल संसाधन विभाग के उत्तर कोयल मुख्य नहर पर दोनों पीसीसी पथ का निर्माण करा दिया गया. जहां पहले से ही मुख्य नहर के जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है. वहीं, नहर का जीर्णोद्धार कर रही कंपनी ने हाल में ही बनी एक पीसीसी सड़क को उखाड़ कर फेंक दिया और उसपर मिट्टी डाल दी.
बताया जा रहा है कि जल संसाधन विभाग से नगर पंचायत कार्यालय ने अनपति प्रमाण पत्र नहीं लिया था. प्रावधान के मुताबिक कोई किसी विभाग की भूमि का इस्तेमाल उसकी सहमति के बिना नहीं कर सकता है. नगर पंचायत कार्यालय के कार्यपालक पदाधिकारी व संवेदकों ने 26 जनवरी को नगर पंचायत की सभी 15 योजनाओं का शिलान्यास जयप्रकाश चौक पर एक कार्यक्रम आयोजित कर पलामू के सांसद विष्णु दयाल राम व हुसैनाबाद विधायक संजय कुमार सिंह यादव से संयुक्त रूप से करा लिया था. जिसने कई ऐसी योजनाएं हैं जो निजी या दूसरे विभाग की भूमि पर की जा रही है.
क्या कहते हैं नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी
वहीं, इस मामले में नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी टीके हंस ने बताया कि जल संसाधन विभाग से एनओसी की प्रक्रिया की गई थी. नहर का जीर्णोद्धार कर रही कंपनी को भी पीसीसी सड़क को उखाड़ने से पहले बताना चाहिए था. इस पर कोई रास्ता निकाला जा सकता था. उन्होंने कहा कि जनहित में पीसीसी पथ का निर्माण कराया गया है. पहले से उस स्थान पर जो पीसीसी पथ था, वह काफी जर्जर हो गया था. जिस वजह से कचरा फेंकने वाले वाहन वहां फंस जाते थे. यही वजह है कि एनओसी की प्रक्रिया के साथ-साथ पीसीसी पथ का निर्माण करा दिया गया. उन्होंने कहा कि इस पर जल संसाधन विभाग के उच्चाधिकारियों से बात कर कोई रास्ता निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि उक्त स्थल नगर पंचायत क्षेत्र में है. नगर पंचायत क्षेत्र में कार्य करने के पूर्व जल संसाधन विभाग के संवेदक या विभाग को एक बार सूचना देना चाहिए था.
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