गिरिडीह(GIRIDIH): गिरिडीह में पंचायत सचिव का सुसाईड केस अब गहराता जा रहा है, तो वहीं डुमरी के बीडीओ की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है. जहां शव पोस्टमार्टम के बाद रांची से सीधे डुमरी के प्रखंड मुख्यालय के मुख्य द्वार पर रख दिया गया और आंदोलन शुरू कर दिया गया है. बता दें कि पंचायत सचिव की मृत्यु रविवार की सुबह हुई जिसके बाद जहां एक तरफ उसके परिजनों में दुख का पहाड़ टूटा है तो वहीं जनप्रतिनिधियों एवं आम अवाम के बीच भी इस घटना की घोर निंदा की जा रही है.
शव सीधे रांची से डुमरी के प्रखंड कार्यालय के मुख्य द्वार पर रखकर आंदोलन शुरु
वहीं रात को जैसे ही शव प्रखंड मुख्यालय के मुख्य द्वार पर रखा गया दर्जनों की संख्या में लोग इकट्ठा हो गए. जिसमें कई राजनीतिक दल की कार्यकर्ता और नेता भी शामिल थे. सभी ने एक स्वर इस घटना की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जहां एक तरफ आजसू पार्टी के लोग जमकर भड़ास निकाले तो दूसरी तरफ जेएलकेएम के कार्यकर्ता और नेतागण भी इस घटना के जिम्मेवार पदाधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ अभिलंब कार्रवाई की मांग करते हुए डुमरी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
जेएलकेएम के केंद्रीय महासचिव ने क्या कहा
वहीं जेएलकेएम के केंद्रीय महासचिव मोती महतो ने कहा कि यह जो लाश रखा हुआ है यह लाश नहीं बल्कि एक सिस्टम का लाश है. बताया कि घटना में शामिल जो भी लोग है, वह मात्र सिस्टम का एक चींटी मात्र हैं और जिस तरह से पंचायत सचिव का मृत शव यहां रखा गया है उस प्रकार आपका भी शव आगे रखा जा सकता है क्योंकि आप सिस्टम का एक चिट्टी है.बताया कि चिट्टी को इतना घमंड नहीं होना चाहिए जो इस प्रकार का कृत करें.मोती महतो ने कहा कि अगर आपके अंदर संवेदनाएं मर गई है तो आपको इस सिस्टम का हिस्सा नहीं बनना चाहिए. बताया कि इस घटना और कृत्य के लिए जो भी जिम्मेवार है उन्हें अभिलंब की गिरफ्तार करें और उचित कानूनी कार्रवाई के अंतर्गत कार्रवाई करें. उन्होंने कहा कि हमारी मांगों को प्रशासन नहीं सुनती है तो अभी तो प्रखंड कार्यालय को ही ब्लॉक किए हैं आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा.
पढ़ें क्या है इनकी मांगे
वहीं जेएलकेएम के प्रखंड अध्यक्ष अमित महतो का कहना था कि हमारे चार सूत्री मांगे हैं-जिसमे पहला मांग आश्रित परिवार के एक सदस्य को तत्काल स्थाई सरकारी नौकरी प्रदान की जाए, जिससे परिवार का आजीविका सुरक्षित रह सके. दूसरी मांग आश्रित परिवार को तत्काल 50 लाख रुपया का आर्थिक मुआवजा दिया जाए ताकि वह असहनीय संकट की घड़ी में स्थायित्व को पा सके. तीसरी मांग मृतक सुखलाल महतो द्वारा लिखित सुसाइड नोट्स जिन व्यक्तियों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है उन्हें अभिलम्ब गिरफ्तार कर विधि सम्मत कठोर कानूनी कार्रवाई प्रारंभ की जाए. चौथी मांग आत्महत्या पत्र में उल्लेखित सभी नाम जड़ अभियुक्तों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए जिससे निष्पक्ष जांच और न्याय की प्रक्रिया बाधित न हो.
चप्पे चप्पे पर पुलिस बलों की तैनाती की गई
इधर प्रशासन द्वारा चप्पे चप्पे पर पुलिस बलों की तैनाती की गई थी, ताकि किसी तरह का अनहोनी घटना ना हो जाए. वहीं पर अधिकारियों की टीम भी रात को अनुमंडल कार्यालय से मॉनिटरिंग कर रहे थे. हालांकि देर रात तक किसी प्रकार की अनहोनी या उपद्रव की सूचना नहीं है.
रिपोर्ट-दिनेश कुमार रजक
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