धनबाद (DHANBAD); झारखंड में एक्सपायरी दवा का क्या है यह खेल.क्यों दावा फेंकी और जलाई जा रही है. यह सवाल अब धीरे-धीरे बड़ा हो गया है. लोग स्वास्थ्य मंत्री से पूछ रहे हैं कि क्यों चुपके चोरी फेंकी और जलाई जा रही है दवाएं? क्या इन दवा का उपयोग नहीं किया गया या जरूरत से अधिक दवाई खरीद ली गई थी.
धनबाद में भारी मात्रा में एक्सपायरी दवा जलाने का मामला सामने आने के बाद दुमका में भी भारी मात्रा में एक्सपायरी दवाएं फेंकी मिली है. दुमका के मसलिया प्रखंड के पलाश जंगल में भारी मात्रा में मेडिसिन फेंके मिले हैं. धनबाद और दुमका में अंतर सिर्फ इतना ही देखा गया है कि धनबाद में दवाएं जला दी गई .एक पिकअप वैन से कुछ लोग आए और हीरापुर में फेंक कर उनमें आग लगा दी. उसके बाद जब दम घोंटू गैस निकलने लगी तो अगल-बगल के लोगों को इसकी जानकारी मिली. धनबाद में घटित घटना की जानकारी जिला प्रशासन तक भी पहुंची और मामले की जांच की बात कही जा रही है. लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह दवाएं सरकारी थी अथवा किसी निजी कंपनी की.
दुमका में भी भारी मात्रा में फेंकी गई एक्सपायरी दवाएं
इधर ,दुमका के मसलिया प्रखंड के पलाश जंगल में भारी मात्रा में एक्सपायरी दवाएं फेंकी मिली है. शनिवार की रात एक पिकअप वैन और एक दो पहिया वाहन से 5 से 7 लोग आए और दवा फेंक कर चलते बने. पूछने पर बताया कि घर का कूड़ा कचरा है. लेकिन सुबह में ग्रामीणों ने देखा कि भारी मात्रा में अंग्रेजी एक्सपायरी दवाएं फेंकी हुई थी. इन दवा में साबुन ,हॉर्लिक्स ,ग्लूकोज , ईनो आदि भी शामिल थे. अगल-बगल के गांव के बच्चे कुछ दवा उठाकर लेकर भी गए हैं.
क्यों फेंकी जा रही दवा?
सूत्र बताते हैं कि एक-दो दिन पहले भी गोल बंधा पंचायत में एक्सपायरी दवा फेंकी मिली थी. सवाल उठता है कि यह दवा इस तरह चुपके चोरी फेंकी और जलाई क्यों जा रही है ?क्या दवा की खरीद में कोई गड़बड़ी हुई है और साक्ष्य नष्ट करने के लिए दवाई फेंकी जा रही है. झारखंड में जहां चिकित्सा व्यवस्था हमेशा सवालों के घेरे में रहती है. वहां इस तरह दवा फेंका जाना कई सवालों को जन्म देता है. धनबाद और दुमका जैसे झारखंड के महत्वपूर्ण जिलों में जब यह हाल है, तो अन्य जिलों में भी ऐसा कुछ ना कुछ जरूर होता होगा. लेकिन इसका खुलासा नहीं हो पा रहा है. सरकार का स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में है. स्वास्थ्य विभाग को स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर यह मामला है क्या?
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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