रांची(RANCHI): झारखंड में पुलिस पर सवाल कई बार उठे है. हर बार उस सवाल का गोल मोल जवाब देकर मामले को अधिकारी टाल देते है.  लेकिन बोकारो पुलिस की पोल एक आईपीएस अधिकारी ने खोल दी और अपने ही विभाग के दरोगा को डरपोक बता दिया. यह बात कोई हवा हवाई नहीं है. बल्कि डुमरी विधायक जयराम महतो ने पलामू में प्रेस वार्ता के दौरान कही है.

डुमरी विधायक जयराम महतो ने मेदिनीनगर परिसदन में प्रेस वार्ता में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस की सच्चाई क्या है किसी से छुपी नहीं है. पुलिस की कार्यशैली हमेशा सुर्खियों में रहती है. इस बीच ही एक बोकारो जिला के डुमरी में हुई घटना का जिक्र किया और बताया कि कैसे डुमरी में हत्या होने के बाद भी पुलिस रात में घटना स्थल पर नहीं पहुँचती है.दरोगा नक्सल इलाका होने की बात बोल कर नहीं जाते है. डीएसपी फोन नहीं उठाते है. लेकिन एसपी ने इस मामले में जयराम महतो को पूरी सच्चाई बता दी.

जयराम महतो ने कहा कि बोकारो के तत्कालीन एसपी ने जयराम महतो को फोन पर बताया कि उनकी बातों का बुरा नहीं मानना चाहिए. जहां घटना हुई थी विधायक से पहले जरूरी था कि पुलिस को पहुंचना चाहिए था. लेकिन पुलिस नहीं पहुंची. जयराम महतो ने कहा कि जिले के कप्तान ने उन्हे बताया कि दरोगा डरपोक है. उसे वहाँ जाना चाहिए था. साथ ही यह बात का भी खुलासा जयराम महतो ने किया कि अधिकारी ने यह भी बताया कि सरकार को रिपोर्ट देना पड़ता है इस वजह से मीडिया में दिए गए बयान से बुरा मत समझिएगा.

दरअसल बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड अंतर्गत संवेदनशील क्षेत्र कुकुरलिलवा के चेरकी पहरी टोला के पास 15 मई को एक हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था. इस हत्याकांड की जानकारी रात 12 बजे डुमरी विधायक जयराम महतो को मिली. वह घटना स्थल पर पहुँचे लेकिन पुलिस फोन करने के बावजूद मौके पर आने से इनकार कर दिया. इस मामले में खूब बवाल हुआ था लेकिन अब इस बवाल और विधायक के साथ एसपी की बातचीत का खुद खुलासा जयराम ने कर दिया है.