धनबाद (DHANBAD) : साइबर अपराधी न केवल लगातार ठगी कर लोगों को थानों के चक्कर लगाने का विवश कर रहे हैं, बल्कि मकान भाड़े पर देने वालों के लिए भी परेशानी पैदा कर दिए है. अब अगर कोई मकान मालिक बिना पुलिस वेरिफिकेशन के अपने घर में किराएदार रखता है और वह किराएदार आगे चलकर साइबर अपराधी निकलता है, तो अब मकान मालिक पर भी केस दर्ज होगा. ऐसे मकान मालिकों पर संगठित अपराध में शामिल होने की धारा भी लगाई जा सकती है. फिलहाल जामताड़ा से निकलकर साइबर अपराधी विभिन्न जिलों में अपना ठिकाना बना लिए है. धनबाद में भी साइबर अपराधियों ने अपना ठिकाना बना लिया है. पुलिस जब छापेमारी कर रही है, तो बाहर के साइबर अपराधियों के धनबाद में भाड़े के घर में रहने का खुलासा हो रहा है. कहा तो यह भी जा रहा है कि आसानी से घर भाड़े पर मिल जाने की वजह से साइबर अपराधी धनबाद सहित झारखंड के अन्य जिलों को अपना ठिकाना बना रहे है.
धनबाद में बाहर के लड़कों की कई बार हुई है गिरफ्तारी
धनबाद में हाल के तीन महीना में लगभग दो दर्जन साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है. इनमें महाराष्ट्र, हैदराबाद, तेलंगाना, बिहार के अपराधी शामिल है. धनबाद के एक आंकड़े पर गौर करें तो धनबाद के तपोवन कॉलोनी में बिहार के चार साइबर अपराधी पकड़े गए थे. जो अलग-अलग तरीकों से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे थे. फिर तेतुलमारी में देवघर का अपराधी पकड़ा गया था. जो यूपीआई कंपनी का अधिकारी बन लोगों से ठगी करता था. धनबाद के हावड़ा मोटर रोड के एक अपार्टमेंट से 6 साइबर अपराधी पकड़े गए थे. जो हैदराबाद और महाराष्ट्र के रहने वाले थे. लोन दिलाने का झांसा देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे. कहा तो जाता है कि साइबर अपराधी अपना एक मजबूत नेटवर्क तैयार कर लिए है. कई बार पुलिस की छापेमारी में यह भी बात सामने आई है कि सैलरी पर दूसरे प्रदेश के लड़कों को झारखंड सहित धनबाद में बुलाया जाता है.
ठगी करने में करते है कई भाषा का प्रयोग
फिर उनकी भाषा का इस्तेमाल कर संबंधित प्रदेश के लोगों को ठगा जाता है. यह गैंग किसी सुदूर इलाके में मकान भाड़े पर लेता है और फिर वहां लड़कों को ठहराया जाता है. यह लड़के तरह-तरह के हथकंडे अपना कर लोगों को ठगते है. पुलिस डाल-डाल तो साइबर अपराधी पात-पात चलते है. धनबाद में रहते है और ठगते हैं बंगाल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश,कर्नाटक के लोगो को. तरीका भी अलग-अलग ढंग का. कभी पुलिस अधिकारी बन जाते हैं, तो कभी कस्टम अधिकारी बन जाते हैं, तो कभी आयकर के अधिकारी बन जाते है. कभी दूर संचार विभाग के अधिकारी बन ठगी करते है. कभी नियोक्ता बन जाते हैं, कभी इंडियन आयल के अधिकारी बन जाते है. ऐसा कर लोगों को ठग रहे है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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