टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : झारखंड सरकार की बहुचर्चित योजना मंईयां सम्मान का फर्जी तरीके से लाभ उठा रहे लाभुक सावधान हो जाएं. क्योंकि अयोग्य लाभुकों को लेकर सरकार ने सख्त कदम उठाया है. अब इसकी जांच सीआईडी करेगी. सीआईडी यह पता लगाएगी कि इन फर्जी लाभार्थियों का योजना में रजिस्ट्रेशन कैसे हुआ, उनके डॉक्यूमेंट्स का सत्यापन कैसे हुआ और किसने उनकी मदद की. दरअसल मंईयां योजना को लेकर लागातार बोकार, पूर्वी सिंहभूम, पलामू से फर्जीवाड़े के मामले सामने आ रहे थे. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस योजना का पैसा कई ऐसे अयोग्य लाभुकों ने लिया जो झारखंड के निवासी ही नहीं थे.
मंईयां योजना की पारदर्शिता की धज्जियां उड़ाते हुए बिहार और पश्चिम बंगाल के लोगों ने झारखंड की इस योजना का लाभ उठाया. अब सरकार ने इस पूरे मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यह खेल कैसे हुआ और इसके पीछे कौन लोग हैं. यह मामला सिर्फ़ तीन ज़िले तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आशंका है कि इस गिरोह ने राज्य के कई हिस्सों में ऐसी हरकतें की हैं.
पूर्वी सिंहभूम में 172 महिलाओं ने फर्जी तरीके से लिया लाभ
पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला में हेंदलजुरी पंचायत के चोलगोड़ा गांव की 172 मुस्लिम महिलाओं ने फर्जी तरीके से इस योजना का लाभ उठाया है, जबकि ये महिलाएं झारखंड की निवासी नहीं हैं. ये सभी महिलाएं बंगाल और बिहार की है, जो फर्जी कागजात के आधार पर मंईयां योजना का लाभ ले रही थी.
ऐसे में अब सरकार सख्त रवैया अपनाते हुए इन महिलाओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. इस मामले को लेकर पूर्वी सिंहभूम के डीसी कर्ण सत्यार्थी के आदेश पर प्रखंड विकास पदाधिकारी ने पंचायत सचिव को इनके खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था. पंचायत सचिव ने गालूडीह थाने में सभी 172 महिलाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है.
दर्ज मामले के अनुसार, हेंदलजुरी पंचायत में फर्जी तरीके से लाभार्थियों का नाम मंईयां सम्मान योजना में शामिल किया गया है. लाभार्थियों में बिहार के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज थाने के विभिन्न गांवों की 40 मुस्लिम महिलाएं और पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर के चोपड़ा थाने के विभिन्न गांवों की 132 मुस्लिम महिलाएं शामिल हैं. इन महिलाओं ने धोखाधड़ी कर इस योजना का लाभ उठाया. जांच में धोखाधड़ी की पुष्टि होने के बाद पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई.
जानकारी के अनुसार, इन महिलाओं के बैंक खातों में पहली किस्त भेज दी गई थी. 9 मई को मामला सामने आने के बाद इसकी जांच के आदेश दिए गए थे. उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने घाटशिला के प्रखंड विकास पदाधिकारी अद्वितीय शर्मा को मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था. पंचायत के आठ गांवों में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है. हेंदलजुरी पंचायत में आठ गांव हैं, लेकिन किसी भी गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है. इसके बावजूद, पंचायत के छोलगोड़ा गांव की 172 मुस्लिम महिलाओं का नाम न केवल मंईयां सम्मान योजना में शामिल किया गया, बल्कि उनके खाते में इसकी पहली किस्त भी भेज दी गई है. जांच में पता चला कि सभी लाभार्थियों के राशन कार्ड पर एक ही नंबर अंकित है.
घाटशिला बीडीओ अद्वितीय शर्मा के निर्देश पर पंचायत सचिव मंगल टुडू के बयान पर गालूडीह थाने में 172 महिलाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. हेंदलजुरी पंचायत की तत्कालीन सचिव पुष्पा कुमारी पोद्दार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इस घटना ने प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया है. अब इस मामले को लेकर सीआईडी जल्द ही इससे जुड़े सभी दस्तावेजों को अपने कब्जे में लेगी और जांच प्रक्रिया में तेजी लाएगी.
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