धनबाद (DHANBAD) : धनबाद में एक नए तरह का आतंक दिख रहा है. आतंक चोर, गुंडों अथवा गोली-बंदूक का नहीं है. बल्कि बंदरों का है. यह बंदर बिछड़ कर धनबाद शहर पहुंच गए है. धनबाद शहर के भीड़भाव वाले इलाके में भी पहुंच जा रहे है. यहां तक की बड़े-बड़े मॉल तक भी इनकी पहुंच हो गई है. गुरुवार को शहर के एक बड़े मॉल में घुस गए, उसके बाद तो अफरातफरी मच गई. लगभग एक सप्ताह में यह बंदर चार दर्जन से अधिक लोगों को घायल कर चुके है. 8 से 10 लोगों को प्रतिदिन शिकार बना रहे है. बंदरों की करतूत से इलाके के लोग घरों से बाहर निकलने में भी डरते है.
वन विभाग की टीम पर भी बोल दे रहे हमला
जानकारी के अनुसार गुरुवार को वन विभाग की टीम जब बंदरों को पकड़ने पहुंची, तो बंदरों ने हमला बोल दिया. कई कर्मचारी घायल हो गए. बंदर कहीं एक जगह पर नहीं टिक रहे हैं, बल्कि इधर-उधर कूद फांद कर रहे है. इधर यह भी पता चला है कि बंदरों से घायल लोग सूई लेने के लिए धनबाद के SNMMCH पहुंच रहे हैं, लेकिन वहां एंटी रेबीज का स्टॉक खत्म हो गया है. धनबाद में तो कुत्तों का आतंक है ही, सियार भी लोगों को निशाना बना रहे है. अब बंदर भी लोगों के लिए आफत बने हुए है. दरअसल, जंगलों की कटाई से जंगली जानवर अब शहर की ओर रुख कर रहे है.
ग्रामीण इलाकों के लोग हाथियों के डर से सहमे रहते
ग्रामीण इलाकों के लोग हाथियों के डर से सहमे रहते हैं, वहीं जंगलों की कटाई की वजह से सियार निकल कर लोगों पर हमला बोल रहे है. अब बंदरों का आतंक लोगों को डरा रहा है. एक आंकड़े के अनुसार धनबाद में 5 सालों में सड़क निर्माण के नाम पर 20000 से अधिक पेड़ काट दिए गए. कोलियरी इलाकों में आउटसोर्सिंग कंपनियों को खनन के लिए मिली जमीन में हर साल हजारों पेड़ काटे जा रहे है. जंगलों की लगातार घटती संख्या की वजह से जानवर आबादी के बीच पहुंच रहे है. धनबाद के आठ लेन सड़क पर अंधेरा होने के बाद सियार सड़क पर आ जाते है. कभी इलाका जंगल के लिए जाना जाता था.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो

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