पाकुड़ (PAKUR):  कुलापहाड़ी स्थित एलसी गेट संख्या 40 पर बने सबवे में वर्षों से जमे जलजमाव के अंधेरे में अब उम्मीद की एक किरण दिखाई देने लगी है. ईस्टर्न जोनल रेलवे पैसेंजर्स एसोसिएशन (ईजरप्पा) ने इस लंबे समय से उपेक्षित समस्या को लेकर अब ठोस कदम उठाया है. मंगलवार को ईजरप्पा हावड़ा मंडल के प्रतिनिधिमंडल ने मौके पर पहुंचकर समस्याओं को नजदीक से देखा और महसूस किया.

इस दल का नेतृत्व ईजरप्पा के जुझारू अध्यक्ष और भाजपा नेता हिसाबी राय ने किया, जो स्वयं अपने सहयोगियों के साथ कीचड़ और पानी से भरे सबवे में उतरे. उनके साथ सचिव राणा शुक्ला, सह सचिव सुशील साहा, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा जिलाध्यक्ष राजा अंसारी, सादेकुल शेख, अलीम शेख, हाबिर शेख सहित कई स्थानीय ग्रामीणों ने भी भाग लिया.

जलजमाव के कारण ग्रामीण परेशान 

गांवों की पीड़ा उनके चेहरों पर साफ झलक रही थी — संग्रामपुर, कुलापहाड़ी और तिलभिठा जैसे गांवों के लोग सालों से इसी जलजमाव के कारण रोज़ परेशान हो रहे हैं. एलसी गेट संख्या 40 के बंद होने के बाद, न तो राह बची और न ही राहत.

हिसाबी राय ने बताया कि ईजरप्पा ने पहले भी रेलवे के आला अधिकारियों से इस मुद्दे को उठाया था, मगर अब जब इंतज़ाम नाकाफी साबित हुए, तो संगठन ने खुद ग्राउंड पर उतरकर हकीकत सामने रख दी. निरीक्षण में साफ़ हुआ कि सबवे में जल निकासी की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है. इस पर ईजरप्पा ने चार उच्च क्षमता वाले कावकेचर (पंपिंग मशीन), स्थायी मोटर, और नियमित विद्युत आपूर्ति की मांग की है — ताकि बारिश हो या गर्मी, रास्ता कभी बंद न हो. ईजरप्पा अब इस गंभीर मुद्दे को लेकर महाप्रबंधक, पूर्व रेलवे कोलकाता और मंडल रेल प्रबंधक, हावड़ा से जल्द ही मुलाकात कर विस्तृत प्रतिवेदन सौंपेगा.

यह सिर्फ एक निरीक्षण नहीं, बल्कि उन सैकड़ों ग्रामीणों की आवाज़ है, जो हर दिन अपनी ज़िंदगी को जोखिम में डालकर उस जलजमाव से होकर गुजरते हैं. ईजरप्पा की इस पहल से इलाके में राहत और विश्वास की लहर दौड़ गई है. ग्रामीणों को अब उम्मीद है कि उनकी तकलीफ को अंत मिलेगा, और इस बार आवाज़ सिर्फ सुनी नहीं, बल्कि समझी जाएगी.

नंद किशोर मंडल/पाकुड़