पलामू: बीडीसी में मुखिया प्रतिनिधियों की उपेक्षा व प्रशासनिक रोस्टर के मुताबिक पंचायत सचिवालयों में अंचलाधिकारी, राजस्वकर्मी सहित अन्य कर्मियों की लगातार अनुपस्थिति पर हैदरनगर प्रख्ंड के सभी मुखिया मुखर होकर आंदोलन का मूड बना रहे हैं.  शुक्रवार को मुखिया संघ के अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक हुई. मुखिया संघ के अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने  कहा कि स्थानीय पीएचसी में विगत पांच वर्ष से आपातकालीन सेवा बंद है.  आपातकालीन सेवा बंद रहने से गंभीर रुप से बीमार, दुर्घटना के शिकार लोगों को जहां तहां निजी क्लिनिकों में जाना पड़ता है.

नया म्युटेशन कराने के नाम पर ग्रामीणों से सात हजार रुपये तक अवैध उगाही

संघ की उपाध्यक्ष नाजमा खातून ने कहा कि समस्त मुखिया की ओर बीडीसी के लिए नामित मुखिया को बैठक में साजिश के तहत शामिल नहीं किया जाना बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. संघ के सचिव मुखिया सुदर्शन राम ने कहा कि प्रशासनिक रोस्टर के बावजूद किसी पंचायत
सचिवालय में अंचलाधिकारी व राजस्वकर्मी की उपस्थिति नहीं होने से आम लोगों की भूमि संबंधित समस्या का निबटारा नहीं हो पा रहा है उन्होंने कहा कि अंचल की ओर से अब गांव में भूमि के म्युटेशन कराने वाले एजेंट रखे गए हैं. कृषि मित्रो को गांवों में दलाली करने को अंचल से भेजा जा रहा है. भूमि का लंबित सहित नया
म्युटेशन कराने के नाम पर ग्रामीणों से सात हजार रुपये तक अवैध उगाही की
जा रही है.

मुखिया संघ ने आंदोलन की दी चेतावनी 

संघ के संयोजक मुखिया जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रखंड एवं अंचल कार्यालय में भ्रष्टाचार की यही स्थिति रही, गांव के लोगों से भूमि के म्यूटेशन के नाम पर उगाही जारी रही तो संघ जोरदार आंदोलन करने को बाध्य होगा. मौके पर  सोशल मीडिया प्रभारी मुखिया कमल कुमार पासवान,मुखिया शहनाज परवीन, मुखिया रेणु देवी, मुखिया शारदा देवी, मुखिया खुशबू कुमारी, मुखिया अशोक यादव, मुखिया राजकुमार राम, मुखिया कुसुम देवी ने कहा कि अंचल के अधिकारी पंचायत सचिवालय में समयानुसार नहीं बैठकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में लगे हैं. सभी मुखिया ने एकमत से कहा है कि कृषि मित्रों व जलसहिया व उनके पति दलाली में लगे हैं. उन्होंने प्रखंड के गृह गांव में कार्यरत पारा शिक्षकों को हटाकर दूरे गांव में 15 दिनों के भीतर पदस्थापित किया जाना चाहिए. ऐसा नहीं किया गया तो मुखिया संघ सड़क पर आंदोलन को बाध्य होंगे. उन्होंने कहा कि पारा शिक्षक विभागीय कार्य से अधिक अपने घरों में ही समय बीताकर सरकारी
खजाना को लूटने में लगे हैं.

आंगनबाड़ी केंद्र की कार्य प्रणाली पर भी उठाया सवाल

इस बैठक में शामिल प्रबुद्ध व वरीय सामाजिक
कार्यकर्ता नावाजिश खान, सज्जू खान, महेन्द्र राम, राजेश मेहता, इरशाद खान, विरेन्द्र मेहता आदि ने कहा कि बाल विकास परियोजना के तहत चलने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति और खराब है. केंद्र में बच्चों की उपस्थिति नगण्य रहती है. पहले पोषाहार के बिल पर मुखिया के हस्ताक्षर का अधिकार था. अब उसे हटाने के बाद इसमें लूट मची है. इस विभाग में अधिक मात्रा में खाद्य सामग्री के बिल बनाकर पैसे की निकासी बदस्तूर जारी है. सदस्यों ने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रखंड व अंचल कार्यालय की कार्यप्रणाली में एक पखवाड़े के अंदर सुधार नहीं हुआ तो ग्रामीण विकास मंत्री से मिलेंगे. फिर भी कोई कार्रवाई नहीं होगी तो आंदोलनात्मक रुख अपनाने को बाध्य होंगे.