रांची (RANCHI) : महिलाओं को कोर्ट-कचहरी के चक्कर से निजात दिलाने और उनके सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए झारखंड में नारी अदालत स्थापित की जाएगी. यह अदालत ग्राम पंचायत स्तर पर महिला उत्पीड़न जैसे मामलों को सुलझाने के लिए शिकायत निवारण केंद्र के रूप में काम करेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके बाद विभाग ने इसे जमीन पर लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति योजना के अंतर्गत यह अदालत संचालित होंगी. नारी अदालत में उत्पीड़न, तोड़फोड़ और अधिकारों में कटौती जैसे विवादों का समाधान किया जाएगा. इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे राज्य में लागू करने की योजना है.
रांची जिले के नामकुम अंचल की रामपुर पंचायत में नारी अदालत शुरू होगी. इसके अलावा पलामू जिले के चैनपुर अंचल अंतर्गत बसरिया कला, साहिबगंज जिले के बरहेट अंचल अंतर्गत बरहेट बाजार, खूंटी जिले के अड़की अंचल अंतर्गत सिंदरी पंचायत, लोहरदगा जिले के भंडरा अंचल की भंडरा पंचायत, रामगढ़ जिले के गोल अंचल की गोल पंचायत, गुमला जिले के सिसई अंचल की लखिया पंचायत, पश्चिम सिंहभूम के नोवामुंडी अंचल की किरीबुडू पंचायत, गिरीडीह जिले के गांडेय अंचल की मेनियाडीह पंचायत और पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला अंचल की कसीदा पंचायत में नारी अदालत शुरू की जाएगी.
नारी अदालत मिशन शक्ति की संबल उप-योजना का हिस्सा है. इसका उद्देश्य महिलाओं के घरेलू उत्पीड़न, दहेज और बाल हिरासत जैसे मामलों को ग्राम पंचायत स्तर पर बातचीत, मध्यस्थता और सुलह से हल करना है. इसका गठन सामाजिक रूप से सम्मानित महिलाओं से किया जाएगा. यह मंच जागरूकता बढ़ाने और योजनाओं में सुधार के लिए प्रतिक्रिया लेने में भी काम आएगा.
सेवाओं के प्रभावी वितरण के लिए यह पंचायतों में सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) के माध्यम से प्रदान की जाएंगी. पहले साल में महिलाओं को कानूनी और संवैधानिक अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाएगा. दूसरे साल में समाज में सम्मानित महिलाओं को सभी महिला संबंधित कानूनों और योजनाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस योजना के तहत 7 से 11 सदस्यों वाली महिला समूहों का गठन किया जाएगा जो सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक मुद्दों का समाधान करेंगे.

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