साहिबगंज(SAHIBGANJ):सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह विधानसभा क्षेत्र में इन- दिनों पानी की किल्लत को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. गर्मी के मौसम में झारखंड में जल की समस्या कुछ जिलों में प्रचंड रूप ले लेती है, जब गर्मी का मौसम आता है तो यहां बूंद बूंद पानी के लिए भी लोग तरसने लगते हैं. वही गर्मी के दस्तक से पहले ही साहिबगंज के कुछ गांवो में जल संकट की समस्या उत्पन्न हो गई है.जहां बरहेट प्रखंड पर स्थित पञ्चकठिया संथाली हरचंदपुर गांव में लगी जलमीनार व आसपास के चापानल पिछले तीन माह से खराब पड़े हैं.ग्रामीण गांव से 200 मीटर की दूरी पर बने एक कुआं से पानी लाकर अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं.कुआं का भी जलस्तर नीचे चला गया है.
सुबह उठते ही महिलाओं को पानी की चिंता सताने लगती है
दरअसल हरचंदपुर गांव में पानी की समस्या का समाधान करने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा कृष्णा लोहरा घर के पास एक सोलर आधारित जल मीनार कार्य कराया गया था,लेकिन सरकारी जलमीनार के खराब होने से गर्मी का मौसम आने से पहले ही लोग पेयजल संकट से परेशान है.सबसे अधिक परेशानी महिलाएं व स्कूली बच्चों को हो रही है.सुबह उठते ही महिलाओं को पानी की चिंता सताने लगती है.
पेयजल के लिए परेशान हैं ग्रामीण
जलमीनार से लगभग 40 घरों के 300 लोग प्यास बुझाते थे और अन्य कार्य करते थे.जलमीनार का निर्माण एक साल पहले किया गया है.हालांकि ग्रामीणों ने कई बार चंदा कर जलमीनार की मरम्मत करायी है,लेकिन बार-बार जलमीनार खराब हो जाने से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ जाती है.ग्रामीणों ने जलमीनार के खराब हो जाने की सूचना स्थानीय प्रशासन को दी है,लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया है.
सुबह से ही पानी की व्यवस्था में लग जाते हैं ग्रामीण
हरचंदपुर गांव की महिला सुनीता देवी सीता पति देवी चिंता तुरी,रूपमनी देवी,रानी कुमारी सहित अन्य महिला ग्रामीणों ने कहा कि जलमीनार खराब होने से पानी की समस्या उत्पन्न हो गयी है.सुबह उठते ही गांव से बहार खेत में बने एक कुआं से जाकर पानी लाना पड़ता है.इसके बाद खाना बनाकर बच्चों को खिला कर स्कूल भेजते हैं.आगे कहा कि भीषण गर्मी का महीना आने से पहले ही पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है.इसके आलावे कृष्ना लोहरा ने कहा कि जहां तहां से पानी लाकर प्यास बुझा रहे है पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है.ग्रामीणों ने उपायुक्त से जलमीनार की मरम्मत करा कर पेयजल संकट से निजात दिलाने की मांग की है.
रिपोर्ट-गोविंद ठाकुर
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