धनबाद(DHANBAD) | तीन दिनों से दी आर्ट ऑफ लिविंग की तीन दिवसीय कार्यशाला सहज समाधि ध्यान शिविर का आयोजन झारखंड स्टेट टीचर कोऑर्डिनेटर सोनाली सिंह के साथ मीडिया प्रभारी आर्ट ऑफ लिविंग ब्यूरो ऑफ कम्युनिकेशन के मयंक सिंह ने रैमसन रेसिडेंसी, धैया में सफलतापूर्वक आयोजित किया. गुरु पूर्णिमा स्पेशल सहज समाधि ध्यान कार्यशाला का संचालन टाटानगर से आए हुए एओएल के वरीय प्रशिक्षक नवीन चौरसिया ने सहजता व सरल रूप से ध्यान की अनूठी विधि प्रतिभागियों को बताया.
सहज समाधी ध्यान एक वास्तविक विश्राम पाने का सरल मार्ग है. ध्यान करने की एक अनूठी प्रक्रिया है, जिसके अभ्यास से आप तुरंत ही तनाव और परेशानियों से ऊपर उठकर, मन में असीम शांति अनुभव करते हैं और शरीर में स्फूर्ति आती है.
‘सहज’ एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है ‘प्राकृतिक’ या ‘जो बिना किसी प्रयास के किया जाए’, ‘समाधि’ – एक गहरी, आनंदमयी और ध्यानस्थ अवस्था है. ‘सहज समाधि’ वह सरल प्रक्रिया है ,जिसके माध्यम से हम आसानी से ध्यान कर सकते है. ध्यान करने से सक्रिय मन शांत होता है, और स्वयं में स्थिरता आती है. जब मन स्थिर होता है, तब उसके सभी तनाव छूट जाते हैं, जिससे हम स्वस्थ और केन्द्रित महसूस करते है.
इस कार्यशाला में त्रिशाला सिंह, निर्जा पप्पी, आशा भारती, दिव्या सिंहा, पूनम सिंह, सोनी कुमारी, बबिता सिंह, हेमलता सिंह इत्यादि शामिल हुए. कार्यशाला में गुरुपूजा, सत्संग के उपरांत प्रसाद वितरण हुआ.
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