टीएनपी डेस्क(TNP DESK): हिन्दू धर्म में सावन महीने का विशेष महत्व होता है. यह महीना भोलेनाथ को समर्पित होता है. इस महीने में लोग भगवान भोले की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं. मान्यता है कि सावन में भोलेनाथ की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस बार सावन में 4 सोमवार पड़ रहे हैं. पूरा पूरा श्रावण मास जप,तप और ध्यान के लिए उत्तम होता है, पर इसमें सोमवार का विशेष महत्व है. आइए जानते हैं सावन सोमवार की तारीख, पूजा विधि और महत्व.
पहली सोमवारी 18 जुलाई को
इस बार सावन की पहली सोमवारी 18 जुलाई को है. श्रावण मास में पड़ने वाले सोमवार को अत्यंत मंगलकारी माना जाता है. इस दिन देश भर के श्रद्धालु भगवान् भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं. सोमवार का दिन चन्द्र ग्रह का दिन होता है और चन्द्रमा के नियंत्रक भगवान शिव हैं. इसलिए इस दिन पूजा करने से भगवान शिव के साथ चन्द्रमा का भी आशीर्वाद मिल जाता है.
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सोमवार व्रत करने की पूजा विधि
सोमवार के दिन प्रातःकाल उठकर सबसे पहले पानी में काला तिल मिलाकर स्नान करें. इसके बाद पवित्र मन से भगवान शिव का स्मरण करते हुए सोमवार व्रत का संकल्प लें. फिर शिवलिंग की सफेद फूल, सफेद चंदन, पंचामृत, चावल, सुपारी, बेल पत्र, आदि से पूजा करें. पूजा के दौरान “ॐ सों सोमाय नम:” का 108 बार मंत्र जाप करे. शिव के मंत्र का जाप हमेशा रुद्राक्ष की माला से करें.
सावन के सोमवार व्रत का महत्व
भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए और ख़ास तौर से वैवाहिक जीवन के लिए सोमवार की पूजा की जाती है. ऐस मान्यता है कि अगर विवाह का योग न बन रहा हो या शादी में कोई अड़चन आ रही हो तो ऐसे में सोमवार को शिव जी का संकल्प ले कर व्रत करना चाहिए. वहीं अगर कोई मानसिक परेशानी से जूझ रहा हो या कोई स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी हो तो ऐसे मेंसोमवार का व्रत करना लाभकारी माना जाता है.

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