टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : रांची के पंडरा बाजार समिति में हर दिन करोड़ों रुपए का कारोबार होता है. हर महीने बाजार समिति को 25 लाख रुपए से अधिक किराया मिलता है. लेकिन बाजार में सुविधाएं बिल्कुल ना के बराबर हैं. बाजार समिति में सुरक्षा का अभाव साफ दिखाई देता है. परिसर में जगह-जगह बाउंड्रीवाल टूटी हुई है. कई बार गोदामों और दुकानों में चोरी हो चुकी है. स्ट्रीट लाइट ठीक से काम नहीं करने के कारण कई जगहों पर अंधेरा रहता है. यहां की अव्यवस्था पर न तो मार्केटिंग बोर्ड का ध्यान है और न ही पंडरा बाजार समिति का. सुविधाओं के अभाव में व्यापारियों, ट्रक चालकों, खलासियों और मजदूरों को हर दिन परेशानी का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं, बाजार में पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है. कई हैंडपंप खराब पड़े हैं. गर्मी में स्थिति और भी खराब हो जाती है. शौचालयों की हालत भी खराब है. खासकर मजदूरों को छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए परेशानी उठानी पड़ती है.
बाजार समिति में दुकानों और गोदामों की स्थिति इतनी खराब है कि कई जगहों पर खंभे टूटे हुए हैं. छत भी टपकती है. सड़कें भी टूटी हुई हैं. लेकिन, बाजार समिति इस ओर कोई ध्यान नहीं देती है. परिसर में कई जगहों पर कूड़ा-कचरा फैला रहता है. स्थिति यह है कि परिसर में दिनभर आवारा जानवर घूमते रहते हैं.
किसानों से बात करने पर उन्होंने बताया कि बाजार समिति की हालत दयनीय है. यहां सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है. बैठने के लिए शेड नहीं है, पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है और न ही सड़क की व्यवस्था है. व्यवसायी धूल में बैठकर अपना व्यवसाय करने को मजबूर हैं. परिसर की कच्ची सड़कें पूरी तरह से जर्जर हो चुकी हैं. चारों तरफ कूड़े के ढेर फैले हुए हैं. साफ-सफाई की भी कोई व्यवस्था नहीं है. जिससे दुकानदारों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यह बात भी सामने आई कि बाजार समिति के पास दुकानें और शेड बनाने के लिए पैसे नहीं हैं.
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