TNP DESK- सीएम हेमंत सोरेन गुरुवार को रामदास सोरेन के परिवार से मिलने घोड़ाबांधा पहुंचे. हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में रामदास सोरेन तीसरे मंत्री रहे, जिनका आकस्मिक निधन कार्यकाल के दौरान ही हो गया. इसके पहले स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के ही मंत्री रहते हुए टाइगर जगरनाथ महतो का निधन इलाज के दौरान हो गया था. कोरोना संक्रमित होने के बाद चेन्नई के अस्पताल में उनका लंग्स ट्रांसप्लांट कराया गया था. लंग्स प्लांट होने के बाद उन्होंने मंत्री की कुर्सी संभाल ली थी. लेकिन दुर्भाग्य से अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उनकी मौत हो गई. इसी तरह कोरोना संक्रमित होने के बाद तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी का निधन हो गया था.
उनका निधन 3 अक्टूबर 2020 को रांची के मेदांता अस्पताल में हुआ था. इसके बाद डुमरी और और मधुपुर में उपचुनाव हुए थे. उपचुनाव में टाइगर जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी और मधुपुर से हाजी हुसैन के पुत्र हफीजुल हसन चुनाव जीते थे. यह अलग बात है कि 2024 के विधानसभा चुनाव में डुमरी से बेबी देवी चुनाव हार गई, लेकिन हफीजुल हसन चुनाव जीत गए. मंत्री रहते हुए रामदास सोरेन का भी निधन हो गया. सूत्र बता रहे हैं कि रामदास सोरेन की जगह उनके पुत्र सोमेश सोरेन को जगह मिल सकती है.
सूत्रों के अनुसार आने वाले समय में रामदास सोरेन के बड़े पुत्र सोमेश सोरेन को कैबिनेट में उनकी जगह भी मिल सकती ही. स्वर्गीय रामदास सोरेन के तीन बेटे हैं, लेकिन सोमेश अपने पिता रामदास सोरेन के समय से ही उनके साथ राजनीति में सक्रिय रहे है. विधानसभा क्षेत्र में अपने पिता का काम देखते रहे है. हालांकि इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फैसला लेना है. गुरुवार को वह जमशेदपुर रामदास सोरेन के शोकाकुल परिवार से मिलाने गए. रामदास सोरेन के निधन के बाद घाटशिला विधानसभा में उपचुनाव होना तय है. 6 महीने के भीतर ही चुनाव कराए जाने की नियम की बाध्यता है. घाटशिला के उपचुनाव में इंडिया गठबंधन की तस्वीर तो लगभग साफ है. यह सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा की है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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