धनबाद(DHANBAD): स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के 11 अधिकारियों को कंपलसरी रिटायरमेंट देने के आदेश के बाद सेल में तो हड़कंप है ही, सार्वजनिक उद्योग के अधिकारी भी परेशान है. ऐसा किया जाएगा, इसकी चर्चा 10 वर्षों से हो रही थी, लेकिन अब इसे सेल के रास्ते सार्वजनिक उद्योगों में लागू करने की पहल की गई है. वैसे, तो इस आदेश के बाद विरोध भी शुरू हो गया है. बताया तो यह भी जाता है कि जिन अधिकारियों की सूची बनाई गई है, उन्हें नौकरी में बने रहने का एक और मौका है. 15 दिनों के भीतर अधिकारी अपील कर सकते हैं. जिन आरोपों के आधार पर सेल प्रबंधन ने उन्हें कंपनी की सेवा से अलग करने का फैसला लिया है. उसके खिलाफ अपनी दलील पेश कर सकते हैं. अगर दलील में मजबूती होगी तो कुछ के बचने की संभावना हो सकती है. हालांकि यह प्रबंधन के रवैया पर निर्भर करेगा.
पीड़ित अधिकारियों के पक्ष में स्टील एक्सक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया
वैसे पीड़ित अधिकारियों के पक्ष में स्टील एक्सक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया खुलकर सामने आ गया है .सेल चेयरमैन से फेडरेशन ने मुलाकात की है. इसके बाद अब आगे की रणनीति पर फैसला लिया जा रहा है. फेडरेशन की मांग है कि सेल प्रबंधन को इस पर दोबारा विचार करना चाहिए. बिना चेतावनी दिए इस तरह से 11 अधिकारियों को रिटायर कर देना गलत है. हालांकि अन्य यूनियन भी इसके विरोध में है. यूनियनों का कहना है कि यह एक बड़ी साजिश है. सेल से शुरू हुआ यह साजिश सार्वजनिक क्षेत्र में भी लागू किया जा सकता है. फिर तो अधिकारियों में असुरक्षा की भावना पैदा होगी. जिसका असर कार्य क्षमता पर पड़ सकता है.
क्या कहते हैं नेता जानिए
नेताओं का कहना है कि अभी तक सुना जा रहा था कि निजी उद्योगों में परफॉर्मेंस के आधार पर अधिकारियों अथवा कर्मचारियों को कंपनी में रखा जाए अथवा निकाला जाए, इस पर निर्णय होता था. सार्वजनिक उद्योगों में नौकरी पाने के लिए कठिन परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है. सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरी से निकालना बहुत कठिन कार्य है. किंतु मौजूदा केंद्र सरकार न केवल राजनीतिक उद्योगों को अपने कॉर्पोरेट मित्रों को दे देना चाहती है .बल्कि यह सारी नीतियां जल्द से जल्द सार्वजनिक उद्योगों में लागू भी कर देना चाहती है. इसके बड़े दुष्परिणाम होंगे.
सेल के इतिहास में पहली बार 11 अधिकारियों को प्रीमेच्योर रिटायरमेंट देने का फैसला लिया गया
बता दें कि सेल मैनेजमेंट ने 11 अधिकारियों को कंपलसरी रिटायरमेंट देने का निर्णय लिया है. इधर,स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (सेल ) मैनेजमेंट के सख्त कदम से अधिकारी यह समझ नहीं पा रहे कि आखिर मैनेजमेंट इस तरह का सख्त रवैया क्यों अपना लिया है? क्या सेल मैनेजमेंट पर उत्पादन का दबाव बढ़ गया है?क्या 2030 तक देश में स्टील का उत्पादन 300 मिलियन टन का दबाव अभी से ही दिखने लगा है?इसका असर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के रूप में सामने आ रहा है. बता दें कि सेल के इतिहास में पहली बार मैनेजमेंट ने 11 अधिकारियों को प्रीमेच्योर रिटायरमेंट देने का फैसला लिया है. सेल के इतिहास में पहली बार इस तरह की कार्रवाई की गई है.
सूत्र बताते हैं कि इन सभी अधिकारियों को 3 महीने का नोटिस दिया गया है. हालांकि यह भी बताया जाता है कि इस कार्रवाई का उनके रिटायरमेंट सुविधा पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा. यह भी पता चला है कि सभी अधिकारी महाप्रबंधक स्तर के ऊपर के अधिकारी है. धनबाद के चासनाला के भी अधिकारी इसमें शामिल बताए गए है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
Recent Comments