धनबाद(DHANBAD): विश्वस्त सूत्रों के अनुसार झारखंड के आठ आईपीएस अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार के आदेश का मामला विवादों में फंस गया है .हो सकता है कि अतिरिक्त प्रभार देने का आदेश रद्द कर दिया जाए.अतिरिक्त प्रभार देने का आदेश  नियम के अनुसार था या नहीं, इस पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है .

बता दे कि अभी हाल ही में झारखंड के आठ आईपीएस अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार देने का आदेश निर्गत किया गया था. धनबाद के भी दो आईपीएस अधिकारी इसमें शामिल थे. धनबाद के ग्रामीण एसपी कपिल चौधरी को गोविंदपुर जैप का अतिरिक्त प्रभार का आदेश था तो सिटी एसपी ऋत्विक श्रीवास्तव को धनबाद रेल एसपी का अतिरिक्त प्रभार लेने को कहा गया था. लेकिन महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय द्वारा अतिरिक्त प्रभार देने के निर्णय को गृह विभाग ने गंभीरता से लिया है. 

सूत्र बताते हैं कि इसे नियम के खिलाफ बताते हुए इस पर स्पष्टीकरण की मांग की गई है. साथ ही सख्त चेतावनी दी गई है कि भविष्य में इस तरह के काम नहीं किए जाएं. जानकारी के अनुसार गृह विभाग ने महानिदेशक सह पुलिस महानिरीक्षक को 13 जून को एक पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि अखिल भारतीय सेवा के पदाधिकारी,  जब विभिन्न कारणों से अल्प अवधि के लिए मुख्यालय से अनुपस्थित रहते हैं, तो वैकल्पिक व्यवस्था के तहत एक माह की अवधि के लिए अतिरिक्त प्रभार की व्यवस्था की जाती है .इसके लिए मुख्य सचिव स्तर से अंतिम निर्णय लेने का प्रावधान है.

 एक माह से अधिक की अवधि होने पर मुख्यमंत्री का आदेश लेने का नियम है .पत्र में यह भी कहा गया है कि हाल में देखा गया है कि बिना सक्षम पदाधिकारी के आदेश लिए पुलिस मुख्यालय द्वारा आईपीएस अधिकारियों को अपने स्तर से ही अतिरिक्त प्रभार देने का आदेश जारी किया जा रहा है. यह नियम के अनुसार सही नहीं है. बता दें कि 10 जून को महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय द्वारा एक आदेश जारी कर आठ आईपीएस अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार लेने को  कहा गया था.

रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो