जमशेदपुर  (JAMSHEDPUR ) - शहर में 32 लाख की लूट के विरोध में तमाम व्यापारियों में आक्रोश, व्यापारियों ने आज काला बिल्ला लगाकर जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ विरोध किया, व्यापारियों के समर्थन में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस के नेता के साथ विधायक सरयू राय भी काला बिल्ला लगाकर व्यापारियों की सुरक्षा की मांग की है.

 विधायक ने सरकार का किया बचाव

जमशेदपुर शहर के सबसे पॉश इलाके बिस्टुपुर थाना क्षेत्र में कल दिनदहाड़े छगनलाल दयाल जी के कर्मचारियों द्वारा 32 लाख रुपए बैंक में जमा कराने के दौरान बाइक सवार दो अपराधियों ने दिनदहाड़े लूट की घटना को अंजाम दिया था, ज्वेलरी शोरूम से 100 मीटर की दूरी केनरा बैंक में जमा करने जा रहे थे, तभी कर्मचारियों की अपराधियों द्वारा रेकी की गई, जिसके बाद कर्मचारी को पीटकर 32 लाख रुपए कि लूट की घटना को अंजाम दिया गया, पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी सिटी एसपी समेत पुलिस के तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंच मामले की जांच में जुट गए, मगर इस घटना के बाद कहीं ना कहीं शहर के तमाम व्यपारियों में डर और खौफ का माहौल है, इस घटना के बाद शहर के तमाम व्यापारियों में आक्रोश के साथ अपराधियों की गिरफ्तारी और रुपए की रिकवरी की मांग की जा रही है, वही इस काला बिल्ला विरोध में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष, कांग्रेस पार्टी के नेता और विधायक सरयू राय भी शामिल हुए, जहां भारतीय जनता पार्टी ने अपराधिक घटनाओं को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया, तो वही पक्ष के साथ विधायक सरयू राय ने भी सरकार को बचाते हुए कहा कि प्रशासन का काम है वह जल्द अपराधियों की गिरफ्तारी करेगी अपराधिक घटनाएं सरकार को देखकर नहीं होती है, इसलिए विपक्ष राजनीति ना करें और सरकार पर सवाल ना खड़ा करें, प्रशासन बेहतर कार्य कर जल्द से जल्द अपराधियों की गिरफ्तारी करें ।

 पुलिस को 72 घंटे का समय 

हालांकि इस घटना के बाद जमशेदपुर के तमाम छोटे और बड़े व्यापारियों में आक्रोश देखा जा रहा है इनका कहना है कि हाल के दिनों में जिस तरह अपराधी व्यापारियों को अपना निशाना बना रहे हैं वह कहीं ना कहीं शहर के साथ झारखंड में व्यापार को खत्म करना चाह रहे हैं, इस तरह से हम लोगों के ऊपर घटना हो रही है जिससे हमारी युवा पीढ़ी झारखंड में व्यापार करना नहीं चाह रहे हैं इसका जल्द सरकार और प्रशासन हल निकाले नहीं तो आने वाले समय में हमारी युवा पीढ़ी राज्य को छोड़ो गुजरात और अन्य राज्यों में व्यापार करने का मन बना रही है, जमशेदपुर शहर झारखंड का सबसे बड़ा व्यापार माना जाता है जहां ज्वेलरी, कपड़े, इलेक्ट्रिक समान बड़े बड़े ब्रांड के कारण समेत कई बड़े शोरूम और बड़ी दुकान और मॉल है, बावजूद जमशेदपुर में व्यापारियों की सुरक्षा के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है, जो काफी निंदनीय है, वहीं दूसरी तरफ व्यापारी ने कहा कि इन घटनाओं पर राजनीतिक दल के नेता हमारी आवाज बंद कर हमारी परेशानी के लिए अपनी आवाज़ उठाएं व्यापारियों को राजनीतिक खेल ना बनाएं, पक्ष हो या विपक्ष दोनों राजनीतिक छोड़ हमारी परेशानियों का समाधान निकालें, हम व्यापार करेंगे तो सरकार को बड़ा राजस्व हमसे मिलेगा, मगर जमशेदपुर में पुलिस सुरक्षा चोर हेलमेट और वाहन चेकिंग में राजस्व वसूली कर रही है जिससे शहर अपराधिक घटनाएं बढ़ रहा है, जमशेदपुर व्यापारियों ने जिला पुलिस को 72 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए अपराधियों की गिरफ्तारी और रुपए रिकवरी मांग की है नहीं हुई तो जमशेदपुर बंदी बुलाने का आवाहन किया गया.

पुलिस जल्द खुलासा का दावा

इस मामले को लेकर जिला प्रशासन भी एक्शन में है जहां एसएसपी ने एसआईटी टीम का गठन किया है वहीं शहर के तमाम बैंकों के सीसीटीवी फुटेज जांच कर 24 घंटे में सभी थाना प्रभारियों को जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया, सिटी एसपी ने बताया कि अपराधिक घटना कोई छोटा बड़ा नहीं होता हमारे लिए सभी अपराधिक घटनाएं एक समान है और हम इस घटना को लेकर लगातार टीम छापेमारी कर रही है अपराधियों की गिरफ्तारी जल्द होगी, पुलिस का मकसद रहता है कि शहर में अपराध ना हो अगर अपराध होता भी है तो उसे जल्द से जल्द इस मामले का खुलासा किया जाए और यह लूट हमारे लिए चुनौती है और हम इस चुनौती को स्वीकार करते हुए जल्द से जल्द इसका खुलासा भी करेंगे, लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है अगर लोग बड़े अमाउंट को क्या इसमें कहीं ट्रांजैक्शन कर रहे हैं तो इसकी सूचना स्थानीय थाना को भी देनी चाहिए साथ ही साथ सभी बैंक प्रबंधन ओं को इससे पहले भी एक बैठक बुलाकर अपने आसपास सीसीटीवी कैमरे के साथ उनको जागरूक करने के लिए निर्देश दिया गया था बावजूद कई लोग लापरवाही करते हैं, और इसका फायदा अपराधिक किस्म के लोग उठाते हैं बिना लोगों के सहयोग के शहर को अपराध मुक्त बनाना मुश्किल होता है प्रशासन के साथ सहयोग करके ही शहर को हम अपराध मुक्त बना सकते हैं ।

लूट की घटना पर दो गुट में बंटे व्यपारी

शहर में किसी व्यवसायी के यहां यदि कोई घटना घटती है तो जितनी तकलीफ व्यापारियों को होती है, उससे ज्यादा चिंतित जिला प्रशासन एवं पुलिस महकमा भी होता है. हाल ही में एक व्यावसायिक संगठन के सचिव के यहां जुगसलाई में घटना हुई, संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि डकैती हुई है, लेकिन बाद में पुलिस अनुसंधान में यह मामला निकला कि उपरोक्त व्यवसायी के कर्मचारी की ही मिलीभगत से घटना हुई थी. आज पुनः वैसी ही एक घटना बिष्टुपुर में एक बड़े व्यापारी के यहां घटी. घटना के कुछ ही देर में पूरा पुलिस महकमा सक्रिय हो गया, वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा एस आई टी का गठन किया जा चुका है और अनुसंधान जारी है. किंतु बार बार दोहराने वाली गलती हम व्यापारी वर्ग से भी की जा रही है. आखिर इतनी बड़ी रकम के लिए कैश कलेक्शन वैन क्यों नहीं बुलवायी गयी ? यदि खुद के कर्मचारियों को ही भेजना था तो थाना को इंफॉर्म क्यों नहीं किया गया ? पीड़ित के शोरूम में बंदूकधारी गार्ड्स रहते हैं, एक गार्ड को साथ क्यों नहीं भेजा गया ? ऐसी लापरवाही क्यों बरती गई? शोरूम से बैंक की दूरी मात्र 50 मीटर है, आखिर अपराधियों को कैसे पता लगा कि कर्मचारी रुपए लेकर निकलने वाला है, क्या उनलोगों को पूर्व से खबर थी? इन बहुत सारे बड़े प्रश्न चिन्हों के बावजूद व्यवासायिक संगठन द्वारा एक घंटे का सांकेतिक काला बिल्ला प्रदर्शन क्या केवल बड़े शोरूम वाले व्यापारी को यह जताना नहीं है कि संगठन उनके साथ है ? या प्रशासन पर बिना वजह दबाव बनाने की रणनीति है? व्यापारी नेता कमल किशोर अग्रवाल एवं संदीप मुरारका ने एक ओर शहर में घट रही घटनाओं के प्रति चिंता व्यक्त की तो दूसरी ओर व्यापारियों को सुरक्षित ढंग से कैश हैंडलिंग करने के लिए सभी सम्भावित उपाय करने की गुज़ारिश भी की. नेताद्वय ने यह भी जोड़ा कि बेवजह इस तरह की घटनाओं का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. सयंम बरतना चाहिए, पुलिस को निष्पक्षतापूर्वक उनका कार्य करने देना चाहिए.  व्यवसायिक संगठन जितनी तत्परता बड़े कारोबारियों के हित में दिखाता है, उतनी ही छोटे व्यापारियों के लिए भी दिखानी चाहिए. छोटे व्यापारी जब संगठन के पास पहुंचते हैं तो उनसे पत्र व प्रमाण मांगे जाते हैं.  इस मामले को लेकर जहां पक्ष विपक्ष एक साथ आंदोलन पर बैठा है, तो वहीं दूसरी तरफ व्यापारियों में भी दो फाड देखा जा रहा है, हालांकि पुलिस ने मामले का खुलासा का दावा कर रही है.

रिपोर्ट : रंजीत ओझा, जमशेदपुर.