चतरा ( CHATRA) - भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सह कोडरमा लोक सभा के पूर्व सांसद डा० रविंद्र राय एक दिवसीय प्रवास के दौरान शुक्रवार को हंटरगज पहुंचे. इस दौरान प्रखण्ड के पूर्व बीस सूत्री अध्यक्ष अरविन्द कुमार सिंह के आवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया. जिसमें झारखंड के मौजूदा हालत पर बताया कि झारखंड के हेमंत सरकार भाषा को लेकर विवाद उत्पन्न कर राज्य की भोली भाली जनता को बेरोजगारी के मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है. जिस वादे को लेकर आई सरकार उस पर जनता का ध्यान मोड़ रही है,जो राज्य हित में ठीक नही है. उन्होंने कहा कि सरकार को भाषा के लिए प्रत्येक जिला में सर्वे करना चाहिए. जिस भाषा की बोली बोली जाती है, उस भाषा को प्राथमिकता मिलना चाहिए और अल्पसंख्यक की तरह भाषा में भी आरक्षण मिलनी चाहिए.
40 भाषाएं बोली जाती है राज्य में
झारखंड में चालीस भाषाएं बोली जाती है जिसमें 32 जनजातीय भाषा है. दर्जन भर गैर जनजातीय भाषा है. जिले में रहते हुए भी अलग बोली बोले जाने वाले यहां खतियानी हैं,चाहे उसके बोलने वाले लोग कम ही क्यूं न हो. सभी भाषाओं की एक जैसा विकास होना चाहिए. सभी भाषाओं में हिंदी को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. स्कूल,कॉलेज पढ़ाई से लेकर रिसर्च तक ,सभी भाषाओं के लिए पद सृजित कर शिक्षकों की बहाली होना चाहिए . सरकारी काम काज के लिए हिंदी भाषा का उपयोग हो, जिसे सभी लोग बखूबी जानते है. उन्होंने आगे कहा कि भाषा के विवाद से किसी भी राज्य का विकास अवरूद्ध होता है. नौकरी और रोजगार के नाम पर सत्ता में आई सरकार की मंशा विकास विरोधी है. वही इस प्रकार के मुद्दे लाकर लोगों को भ्रमित करना चाहतीं हैं. राज्य की भलाई के बजाय वर्तमान सरकार ने विकास, रोजगार आदि से लोगों को दिग्भ्रमित करने के लिए तरह-तरह के मुद्दे लाकर आपसी विद्वेष फैलाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि खासकर झारखंड और बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र में और खास कर चतरा जिला में मगही भाषा का प्रचलन है. इसे क्षेत्रीय भाषा का दर्जा मिलना चाहिए. इस मौके पर हंटरगज भाजपा मंडल अध्यक्ष अरूण कुमार चौरसिया, पूर्व बीस सूत्री अध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह,के अलावे दर्जनों लोग मौजूद थे.
रिपोर्ट : सरयू यादव, हंटरगंज, चतरा
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