रांची(RANCHI): आय से अधिक संपत्ति मामले में मांडर विधायक बंधु तिर्की को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसलिए यहां उपचुनाव हुए. कांग्रेस ने बंधु की ही बिटिया शिल्पी नेहा तिर्की को प्रत्याशी बनाया था और आखिर बेटी ने पिता का मान रखा और सीट बरकरार रखी. उपचुनाव (Mandar by election) के नतीजे घोषित हो गए हैं. नेहा भारी मतों से विजयी हुई हैं. इस जीत के बाद झारखंड विधानसभा में सबसे कम उम्र की विधायक बन गई है. दूसरे राउंड को छोड़कर हर राउंड में वे बीजेपी प्रत्याशी गंगोत्री कुजूर से आगे चल रही थीं. उनका मुकाबला भाजपा की गंगोत्री कुजूर और एआईएमआईएम समर्थित निर्दलीय देव कुमार धान के बीच था.
मांडर विधानसभा सीट से शिल्पी नेहा तिर्की के नाम पर कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी ने सहमति जताई थी. शिल्पी ने 2 जून को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अविनाश पांडे और राजेश ठाकुर उस समय मौजूद थे जब तिर्की ने अपना नामांकन पत्र जमा किया था. मतदान 23 जून को हुआ था.
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कौन हैं शिल्पी नेहा तिर्की
शिल्पी नेहा तिर्की बंधु तिर्की की बेटी हैं. वह पहली बार चुनावी मैदान में उतरी हैं. उन्होंने मांडर विधानसभा के उपचुनाव से राजनीतिक गलियारे में कदम रखा है. 29 वर्षीय शिल्पी शादीशुदा हैं. उनके पति नेवी में इंजीनियर हैं. कांग्रेस प्रत्याशी शिल्पी नेहा तिर्की ने अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बेंगलुरु से की है़. उन्होंने मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मार्केटिंग कम्यूनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा की पढ़ाई की़ है. शिल्पी का राजनीति में आने का मुख्य कारण अपने पिता बंधु तिर्की के कार्यों को आगे बढ़ाना है.
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