रांची (RANCHI): कांग्रेस के सामने संकट की घड़ियां घटने की बजाय बढ़ती जा रही हैं. ईडी के जाल से बचने की जुगत में राष्ट्रीय नेतृत्व लगा हुआ है, तो झारखंड कांग्रेस में आपसी अंतर्कलह सतह पर आ चुकी है. पिछले दिनों वरिष्ठ नेता फुरकान अंसारी ने इसे स्वीकार भी किया. हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने इस कलह को समाप्त करने के प्रयास हमेशा किये हैं. अध्यक्ष बदले गए. प्रभारी बदले. प्रवक्ताओं की सूची में, कार्यकारी अध्यक्षों की सूची में तब्दीली की गई. लेकिन इधर के राजनीतिक घटनाक्रम ने प्रदेश इकाई को परेशानी में डाल दिया है. इसे घटनाक्रम में दो बातें सबसे अहम हैं. पहला राष्ट्रपति चुनाव में 10 कांग्रेसी विधायकों का क्राॅस वोटिंग करना, तो दूसरा कांग्रेस के तीन विधायकों की बंगाल में गिरफ्तारी. विधायक की गाड़ी से नकद भी लाखों रुपए बरामद हुए थे.

क्रॉस वोटिंग मामले की जानकारी लेने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय तीन दिनों के लिए रांची में रहे. सभी से वन टू वन बात की. इसकी रिपोर्ट लेकर दिल्ली गए. जाते समय बोल गए पार्टी में सब कुछ ठीक है. उनके जाने के बाद ही पार्टी के तीन विधायक बंगाल में नकद रकम के साथ पकड़े गए.

क्या कर ही कोशिशें कांग्रेस

प्रदेश प्रभारी के रहने के दौरान जिला अध्यक्षों के चुनाव के लिए लगातार इंटरव्यू लिये गए. सभी जिले से नेता राजधानी में जुटे थे. आलाकमान इकाई में आमूलचूल परिवर्तन चाहता है. करीब 95 फीसदी जिला में अगुवाई  की भूमिका में नए नाम सामने आने वाले हैं. इंटरव्यू के आधार पर ही जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा की जाएगी. सूची तैयारी की जा रही है. आलाकमान की हरी झंडी मिलने के बाद ही सूची को सार्वजनिक किया जायेगा.

मंत्री बदलने के साथ प्रदेश कमेटी में भी बदलाव

The News Post ने कल ही खबर में बताया था कि हेंमंत सोरेन की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार में अभी चार मंत्री कांग्रेस कोटे से हैं. इन्हें बदलने के बारे में आलकमान ने लगभग निर्णय ले लिया है. नए लोगों को मौका दियाजाएगा. इसके साथ संगठन में भी नए चेहरों को जिम्मेवारी सौंपे जाने की खबर राजनीतिक हलकों में चल रही है.