टीएनपी डेस्क(TNP DESK): देश में राष्ट्रपति का पद सबसे सर्वोच्च संवैधानिक होता है. 15वें राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को वोटिंग हुई थी और आज यानी 21 जुलाई 2022 को काउंटिंग हुई. जो तय था। वही हुआ। देश को द्रौपदी मुर्मू के रूप में पहला आदिवासी राष्ट्रपति मिल गया है।
वहीं, 25 जुलाई 2022 को देश को नया राष्ट्रपति मिल जाएगा. इस स्टोरी में हम आपको बताएंगे कि राष्ट्रपति को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं, कितनी सैलरी मिलेगी और राष्ट्रपति भवन में क्या होता है खास? देश के सर्वोच्च पद के लिए 25 जुलाई को द्रौपदी मुर्मू शपथ लेंगी, उनको इस पद की शपथ सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ही दिलवाएंगे. आपको बता दें कि राष्ट्रपति की आज्ञा के बिना कोई कानून पास नहीं किया जा सकता है.
राष्ट्रपति की सुविधा और वेतन
भारत में राष्ट्रपति का पद सबसे बड़ा माना जाता है. साल 2018 तक राष्ट्रपति को प्रत्येक महीने 1.50 लाख रुपए सैलरी मिलती थी, मगर अब उसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है. सैलरी के अलावा भी राष्ट्रपति को कई और सुविधा दी जाती है, जैसे मुफ्त चिकित्सा, आवास, यात्राएं, बिजली बिल, टेलीफोन बिल के लिए भत्ता दिया जाता है.
320 एकड़ में फैला हुआ राष्ट्रपति भवन
आपको बता दें कि राष्ट्रपति भवन में कुल 340 कमरे हैं और यह भवन करीब 320 एकड़ में फैला हुआ है. राष्ट्रपति भवन के खानपान और स्टॉफ में कोरोड़ों का खर्च आता है. राष्ट्रपति को आने जाने के लिए Mercedes-Benz S 600 Pullman Guard गाड़ी दी जाएगी. उनकी सुरक्षा के लिए 86 स्पेशल गार्ड तैनात रहेंगे, जिन्हें प्रेसिडेंशियल बॉडीगार्ड (Presidential Bodyguard) बोला जाता हैं.
राष्ट्रपति के अधिकार
- राष्ट्रपति अनुच्छेद 72 का प्रयोग कर किसी की फांसी की सजा पर रोक और उसे माफी दी जा सकती है.
- राष्ट्रपति देश की तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर होते हैं.
- प्रधानमंत्री की नियुक्ति करना और देश के संविधान का संरक्षण करना भी राष्ट्रपति का काम होता है. राष्ट्रपति की सहमति के बिना कोई भी बिल पास नहीं किया जा सकता सिर्फ मनी बिल को छोड़कर. राष्ट्रपति किसी भी बिल को पुनर्विचार करने के लिए वापस भेज सकते हैं.
- देश का राष्ट्रपति ही चीफ जस्टिस, राज्य के हाईकोर्ट के जजों, राज्यपालों, चुनाव आयुक्तों और राजदूतों की नियुक्ति कर सकते हैं.
- देश में अपातकाल की घोषणा भी केवल राष्ट्रपति ही कर सकते है. इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 352 का प्रयोग किया जाता है.
- देश के अलावा राज्य में भी राष्ट्रपति चाहे तो वित्तीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें अनुच्छेद 360 का प्रयोग करना होगा.
- प्रधानमंत्री की नियुक्ति भी राष्ट्रपति ही कराते हैं.
राष्ट्रपति संसद से पास बिल को भी वापस भेज सकता है लेकिन अगर संसद से दोबारा वो बिल आता है तो उसे राष्ट्रपति को पास करना जरूरी हो जाता है. यही कारण है कि कई जानकार राष्ट्रपति पद को Toothless Tiger भी कहते है. इसका अर्थ है बिना दांतों वाला बाघ यानी कि देश का सर्वोच्च पद तो है लेकिन पावर सीमित हैं.
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