टीएनपी डेस्क(TNP DESK):  प्रसिद्ध पार्श्वगायक भूपिंदर सिंह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे. उन्होंने अपनी गायिकी से करोड़ों लोगों को अपना फैंस बनाया था. इस दुनिया को वो छोड़कर  वो 19 जुलाई को 82 साल की उम्र में चले गए लेकिन उनके गाए गानों के साथ वो हमेशा अपने फैंस के दिलों में जिंदा रहेंगे. अपने गीत और गजल के माध्यम से भूपिंदर सिंह ने लगभग दो दशक तक लोगों के दिलों पर राज किया है और लोगों का मनोरंजन किया है. उन्होंने कई फिल्मों में यादगार गाने गाए, मौसम, हकीकत, सत्ते पे सत्ता जैसी फिल्मों के गीत काफी मशहूर हुए. आपको बता दें कि उनकी पत्नी मिताली सिंह भी गजल-गायकी में अपने पति का साथ देती थी. उनका एल्बम भी काफी मशहूर हुआ. उनके निधन से संगीत की दुनिया का एक सितारा हमेशा के लिए बुझ गया है. लेकिन उनके गाने हमेशा लोगों के दिलों पर राज करेंगे.

कैसे हुई गायिकी की शुरूआत

भूपिंदर सिंह को गायिकी में जाने का मन नहीं था. ये बात उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कही थी. उन्होंने कहा था “कि मैं कभी भी म्यूजिक से जुड़ना नहीं चाहता था. मेरे पिता नाथा सिंह अमृतसर में म्यूजिक के प्रोफेसर थे. मेरे बड़े भाई छोटी उम्र से ही इंस्ट्रुमेंट्स बजाते थे. मुझे ऐसा लगता था कि अगर मैं म्यूजिक से जुड़ा तो कभी भी इज्जत नहीं मिलेगी.” यही कारण था कि मैं म्यूजिक में अपना करियर नहीं बनाना चाहता था. उन्होंने कहा कि मैंने कुछ समय तक गाना छोड़ भी दिया था और हवाइन गिटार सीखना शुरू कर दिया था और फिर उसी गिटार की वजह से मैं वापस गायिकी में आ गया.

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बंगलादेश की मिताली से कैसे हुआ प्यार

भूपिंदर सिंह को बांग्लादेशी गायिका मिताली से प्यार हुआ था और दोनों ने 80 के दशक में शादी की थी. हालांकि दोनों की मुलाकात, प्यार और शादी का किस्सा भी काफी दिलचस्प है. भूपिंदर ने मिताली को दूरदर्शन के एक कार्यक्रम में सुना था. मिताली का रिश्ता भी संगीत से ही रहा है, उनके परिवार के लोग भी संगीत से जुड़े थे. मिताली को उनके भाई ने भूपिंदर का एक बांग्ला गाना सुनवाया था, जिसके बाद से वो भूपिंदर की आवाज को पसंद करने लगी थीं. पहली बार मिलने पर जब मिताली ने अपना परिचय दिया, तो भूपिंदर ने कहा कि वो उन्हें जानते हैं. एक दूसरे को देखे बगैर ही शुरू हुआ प्यार मिलने के बाद परवान चढ़ा और फिर शादी हो गई. इनकी एक कनाड़ा की घटना भी काफी दिल्चसप है. भूपिंदर और मिताली की पसंदीदा गजलों में एक थी शमा जलाए रखना, जब तक कि मैं न आऊं…. उन्होंने स्टेज परफॉर्मेंस में ये गजल गाई. इसके बाद एक भारतीय ‘कपल’ स्टेज पर आया. उन्होंने बताया कि वो तलाक लेने वाले थे, लेकिन ये गजल और भूपिंदर-मिलाती को देखकर उन्होंने अपनी शादी को एक और मौका देने का फैसला किया.

ये गाने हुए बेहद मशहूर

  • आने से उसके आए बहार, फिल्म- जीने की राह (1996)
  • किसी नजर को तेरा इंतजार आज भी है, फिल्म- ऐतबार (1985)
  • थोड़ी सी जमीन थोड़ा आसमान, फिल्म- सितारा (1980)
  • बीती न बिताई रैना, फिल्म- परिचय (1972)
  • दिल ढूंढ़ता है, फिल्म- मौसम (1975)
  • नाम गुम जाएगा, फिल्म- किनारा (1977)
  • एक अकेला इस शहर में, फिल्म- घरौंदा (1977)
  • हुजूर इस कदर भी न इतरा कर चलिए, फिल्म- मासूम (1983)
  • करोगे याद तो हर बात याद आएगी, फिल्म- बाजार (1982)
  • कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता, फिल्म- आहिस्ता आहिस्ता (1981)