टीएनपी डेस्क: पैसे के लिए शव रोकनेवाले अस्पताल प्रबंधन को अब गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. हाल के दिनों में पैसे को लेकर परिजनों को शव नहीं सौंपे जाने के मामले को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है. इसको लेकर स्वास्थ्य सचिव ने सूबे के सभी उपायुक्त और सिविल सर्जन को इस तरह के मामले में सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है.
सभी राज्यों को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश
आपको बताते चलें कि बकाए बिल की राशि नहीं चुकाने की दशा में मृतक का शव परिजनों को नहीं सौंपे जाने के मामले को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने काफी गंभीरता से लिया है. वहीं मंत्रालय ने ऐसे मामलों को संज्ञान में लेते हुए सभी राज्यों को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इधर, केंद्रीय मंत्रालय द्वारा दिए उक्त निर्देश के आलोक में राज्य स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव विद्यानंद शर्मा पंकज ने सूबे के सभी उपायुक्तों और सिविल सर्जन को इस तरह के मामलों में सख्ती से कार्रवाई करने का आदेश दिया है. वहीं सचिव ने साफ शब्दों में कहा है कि संबंधित अस्पतालों या स्वास्थ्य सुविधाओं द्वारा उपचार के पश्चात मृत व्यक्ति के शव को परिजनों को सौंपने से सिर्फ इस बात से मना नहीं किया जा सकता कि उनके बिल लंबित हैं. ऐसी स्थिति में अस्पतालों - स्वास्थ्य सुविधाओं का उक्त कृत्य शोक-संतप्त परिवारों के लिए अनावश्यक मानसिक पीड़ा का कारण बनती है जो कि सीधे तौर पर नैतिक और मानवीय सिद्धांत की अवहेलना है. वहीं संयुक्त सचिव के जारी आदेश में उपचार के बाद मृत व्यक्ति का शव उनके परिजनों को शीघ्र और ससम्मान सौंपने का उल्लेख है.
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