Ranchi- झारखंड की राजधानी रांची से करीबन 57 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सुदूरवर्ती तमाड़ के बबाईकुंडी और सिंदौरी-घनश्यामपुर में सोने के विशाल भंडार की जानकारी मिली है, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया का अनुमान है कि तमाड़ की धरती के नीचे करीबन 1.277 टन सोना छुपा हुआ है, इसमें से 0.510 टन बबाईकुंडी जबकि 0.767 टन सोना सिंदौरी-घनश्यामपुर में है. जेसीआइ की ओर से इस इसकी नीलामी की प्रक्रिया भी शुरु करने का रिपोर्ट सौंप दिया गया है.
तमाड़ के परासी में है देश का सबसे बड़ा सोना का भंडार
यहां ध्यान रहे कि इसके पहले ही तमाड़ के परासी में ही देश का सबसे बड़ा सोने का खदान की खोज हो चुकी है. यह खदान करीबन 70 हेक्टेयर में फैला है, एक अनुमान के अनुसार यहां करीबन 9.894 टन सोना का भंडार है. हालांकि फारेस्ट क्लीयरेंस और दूसरी कई तकनीकी वजहों से अब तक खनन की प्रक्रिया शुरु नहीं हो सकी है. दूसरी तरफ झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिला में पहाड़िया गोल्ड माइंस की नीलामी भी हो चुकी है. इस नीलामी को मैथन इस्पात ने लिया है, लेकिन परासी की तरह यहां भी फिलहाल उत्खनन का कार्य नहीं हो रहा है, इसके साथ ही सरायकेला जिले का हेबन में भी सोने का खान का होने का दावा किया गया है. लेकिन वहां कितना सोना है, अभी इस पर शोध ही चल रहा है. लेकिन इस बीच तमाड़ के बबाईकुंडी और सिंदौरी-घनश्यामपुर में सोने का खदान पाया जाना, इस बात का पुख्ता संकेत है कि अभी झारखंड के कई दूसरे हिस्सों से भी सोने का भंडार होने की खबर आ सकती है.
सोना के साथ ही झारखंड की धरती के अन्दर मौजूद है बेशकीमती लीथिमय
इसके साथ ही जेसीआइ के महानिदेशक जनार्दन प्रसाद ने कोडरमा में लीथियम की मौजूदगी का भी दावा किया है. हालांकि अभी इस पर और भी रिसर्च की जरुरत है, इसकी मात्रा कितनी है, अभी इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा, लेकिन माइका के बाद अब लीथियम मिलने से सिर्फ कोडरमा ही नहीं झारखंड की शक्ल-ओ- सूरत बदल सकती है.
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