टीएनपी डेस्क(TNP DESK): पिछले कुछ सालों में हैदराबाद का नाम बदलकर ‘भाग्यनगर’ करने की मांग तेज हो गई है. हाल में ही देश के प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) ने भी हैदराबाद को ‘भाग्यनगर’ के नाम से संबोधित किया था, जिसके बाद से ये चर्चाएं काफी तेज हो गई हैं कि क्या सरकार हैदराबाद का नाम फिर से ‘भाग्यनगर’ करने जा रही है? काफी लोगों का कहना है कि इसे राजनीतिक फायदे के लिए बार-बार उठाया जाता है.
दरअसल, पीएम मोदी(MODI) के अलावा कई बड़े बीजेपी नेताओं ने भी हैदराबाद का नाम बदलकर उसे ‘भाग्यनगर’ रखने की बात कह चुके है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Aditya Nath) ने पिछले साल ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनावों के लिए बीजेपी के प्रचार के दौरान कहा था कि, “लोग अक्सर मुझसे पूछते हैं कि क्या हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर किया जा सकता है. मैं उन्हें बताता हूं कि क्यों नहीं?” इसके अलावा रविशंकर प्रसाद और केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा है कि अगर राज्य में हमारी सरकार बनती है तो हम इस पर जरुर विचार करेंगे.
भाग्यनगर, बागनगर या हैदराबाद?
इतिहासकारों की मानें तो गोलकुंडा के राजा, जिन्होंने हैदराबाद की स्थापना की थी. गोलकुंडा के पांचवें कुली शाह (हैदराबाद के स्थापना से पहले) को भागमती से प्यार हो गया था, जिसके बाद दोनों ने शादी कर ली. तब शहर का नाम भाग्यनगर कर दिया गया. हालांकि कई इतिहासकारों का ये भी मानना है कि बाद में भागमती ने इस्लाम कबूल कर लिया, जिसके बाद शहर का नाम फिर बदल दिया गया.
एक और कहानी ये भी है कि इस शहर में कई बाग(फूलों के बगान) हुआ करते थे इसलिए इसका नाम ‘बागनगर’ रखा गया था. इतिहासकार हारून खान शेरवानी ने 1967 में पहली बार ये दलील दी थी. इतना ही नहीं कई जानकारों के अनुसार यहां ‘भाग्यलक्ष्मी माता’ का मंदिर था, जिसके कारण शहर का नाम ‘भाग्यनगर’ रखा गया था?. हालांकि, कई जानकारों का मानना है कि शहरों के नाम बदलना कोई बड़ी बात नहीं है. ऐसा कई मामला सामने आया है जहां पूराने शहरों, राज्यों के नाम बदले जा चुके है.
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