रांची(RANCHI): भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आज यानी 7 जुलाई को 44 साल के हो गए. माही के जन्म दिन को समर्थक एक त्योहार के रुप में मनाते है. रांची में माही के घर के बाहर भी हजारों की संख्या में उनके चाहने वाले पहुंच कर जन्म दिन को सेलिब्रेट करते है. पूरे देश में माही के जन्म दिन पर उत्साह का माहौल देखने को मिलता है. रांची के सीमालिया स्तिथ आवास पर भी देश के कोने कोने से चाहने वाले लोग पहुंच कर केक काटते दिख जाते है. एक अलग सा उत्साह देखने को मिलता है.शायद ही कोई दूसरा अब माही जैसा आएगा. देखे तो माही भले ही 44 साल के हो गए लेकिन आज भी किसी भी यंग खिलाड़ी को टक्कर दे सकते हैं.
मीडिल क्लास परिवार से निकल कर माही ने दुनिया में रचा डंका
माही का जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची में हुआ था.एक मीडिल क्लास परिवार से निकल कर माही ने दुनिया को अपने कदमो में ला दिया.किसी ने नहीं सोचा था छोटे से घर, छोटे शहर से निकला लड़का दुनिया में डंका बाजवा देगा। माही के पिता मेकॉन में काम करते थे.एक छोटे से घर में माही के कैरियर की शुरुआत हुई.
माही के नाम दर्ज है कई रेकॉर्ड
माही एक ऐसे कप्तान है जिन्होंने अपने कार्यकाल में टी 20 वर्ल्ड कप, One day वर्ल्ड कप, एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट को जीत कर देश का नाम रौशन किया है.1983 में कपिल देव के बाद महेंद्र सिंह धोनी के कप्तानी में 2011 One Day World Cup जीतने का रिकॉर्ड भी धोनी के नाम दर्ज है. इससे पहले 2007 में T20 वर्ल्ड कप माही की कप्तानी में जीतने में सफल हुए है.
रांची के Mecon ग्राउंड से हुई करियर की शुरुआत
माही के करियर की शुरुआत रांची के Mecon ग्राउंड से हुई थी. जब माही मैदान में उतरते थे तो लंबे-लंबे शॉट लगाते थे. इसी दौरान उनका चयन रणजी खेलने के लिए झारखंड टीम से हुआ. जिसके बाद जमशेदपुर के किनन स्टेडियम में उन्होंने पहले रणजी का मैच खेला था. इस मैच में माही ने काफी बेहतर प्रदर्शन दिखाया था यहीं से माही के करियर में उछाल आया. माही का बल्ला चलता गया और इंडिया टीम ने अपनी जगह बना ली.
रेलवे की नौकरी छोड़ क्रिकेट की दुनिया में रखा कदम
रणजी खेलने के बाद माही को रेलवे में नौकरी दी गई थी. महेंद्र सिंह धोनी खड़कपुर में टीटी का काम कर चुके हैं.खेल के जरिए मिली नौकरी से पूरा परिवार काफी खुश था. लेकिन माही को कुछ और ही करना था,माही ने टीटी की नौकरी छोड़ दी. जिसका इनके पिता ने विरोध भी किया था. लेकिन बाद में पिता को अपने बेटे के इस निर्णय पर गर्व महसूस हुआ .महेंद्र सिंह धोनी अगर नौकरी ना छोड़ते तो आज भारत को इतना बड़ा खिलाड़ी नहीं मिल पाता.
धोनी के नाम ICC हॉल ऑफ फेम का सबसे बड़ा सम्मान
‘‘कैप्टन कूल’ महेंद्र सिंह धोनी के नाम अभी हाल ही में एक और बड़ा सम्मान शामिल हो गया है. उन्हें 2025 के ICC हॉल ऑफ फेम के सबसे तगड़े सम्मान से नवाजा गया है. यह सम्मान पाने वाले वह भारत के 11वें भारतीय क्रिकेटन बन गए है.
ICC हॉल ऑफ फेम में नामित होने से माही ने जाहिर की थी खुशी
वहीं इस सम्मान पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए महेंद्र सिंह धोनी ने कहा था कि, "आईसीसी हॉल ऑफ फेम में नामित होना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है. दुनिया के महान क्रिकेटरों के साथ अपना नाम देखना मेरे लिए अविस्मरणीय क्षण है. यह एक ऐसा सम्मान है जिसे मैं जीवन भर संजो कर रखूंगा."
महेंद्र सिंह धोनी के रिकॉर्ड पर एक नजर
वनडे में सबसे ज़्यादा स्टंपिंग: 123 स्टंपिंग
विकेटकीपर द्वारा सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर: 183 रन
भारत के लिए कप्तान के तौर पर सबसे ज़्यादा वनडे मैच: 200 मैच
2007 में भारत को पहली बार टी20 विश्व कप ट्रॉफी दिलाई।
2011 में भारत ने 28 साल बाद विश्व कप जीता।
2013 में चैंपियन ट्रॉफी जीतकर भारत को फिर से गौरव दिलाया।
2009 में टेस्ट रैंकिंग में भारत को नंबर-1 पर पहुंचाया।
आंकड़ों में धोनी का करियर
वनडे: 350 मैचों में 10,773 रन, 50.57 का औसत, 10 शतक और 73 अर्धशतक
टेस्ट: 90 मैचों में 4876 रन, 38 का औसत और 6 शतक
टी20: 98 मैच, 1617 रन और 2 अर्धशतक
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