टीएनपी डेस्क(TNP DESK): राज्य में रहने वाली आदिवासी महिलाओं ने हमेशा से ही झारखंड की आर्थिक स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. ऐसे में हेमंत सोरेन की सरकार बनने के बाद इन महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए पलाश योजना शुरू की गई है.

पलाश योजना का उद्देश्य
इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को एक ऐसा मंच मिलता है जहां वे अपने उद्योग को फैला सकें. दरअसल, झारखंड सरकार ने पलाश योजना के माध्यम से उन महिलाओं को मदद देने की पहल की है, जहां उन्हें कम ब्याज पर व्यवसाय के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है. सरकार ने उन महिलाओं को एक मंच दिया है जो ग्रामीण उद्योग से जुड़ी हैं. इस योजना के तहत सरकार यह सुनिश्चित करती है कि महिलाओं द्वारा बनाए गए ग्रामीण उद्योगों के उत्पाद साल भर बाजार में उपलब्ध रहें. उत्पादों की निरंतर मांग बनाए रखने के लिए पलाश इंटरप्राइजेज कंपनी का निर्माण किया गया है. बता दें कि सरकार द्वारा पलाश ब्रांड का गठन वर्ष 2020 में किया गया था. आज इस योजना से लाखों महिलाएं जुड़ चुकी हैं.

पलाश ब्रांड के उत्पाद
पलाश ब्रांड के तहत घरेलू उपयोग की कई वस्तुएं बनाई जाती हैं, जैसे:
शैम्पू, साबुन
घी, तेल, अचार
मड़ुआ से बने लड्डू और कुकीज़
त्योहारों पर ऑर्गेनिक गुलाल, दीये और सजावटी सामान का निर्माण राज्य की हुनरमंद महिलाओं द्वारा किया जाता है.

महिलाओं को मिला सशक्त मंच
पलाश योजना ने उन महिलाओं को एक मंच दिया है जिनके पास हुनर तो है, लेकिन उद्योग को बढ़ाने के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी थी. यह एक कल्याणकारी योजना है, जिसके तहत महिलाएं सशक्त और आत्मनिर्भर बन रही हैं, साथ ही राज्य की आर्थिक स्थिति को भी बेहतर बना रही हैं.