धनबाद(DHANBAD): झारखंड में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे माओवादी एक बार फिर सिर उठाने लगे है.  मामला कोल्हान का हो या कोयलांचल का अथवा रांची के अगल-बगल के इलाकों का.  सब जगह माओवादियों की सक्रियता बढ़ गई है. यह अलग बात है कि इसी बीच एनआईए ने पीएलएफआई सुप्रीमो  दिनेश गोप को  नेपाल से गिरफ्तार कर लिया है. माओवादियों की गतिविधियां लगातार बढ़ रही है. कोल्हान के चाईबासा में रोज कहीं न कहीं घटनाएं हो रही है. छत्तीसगढ़ में तो अभी हाल ही में 10 जवानों को मौत के घाट उतार कर माओवादियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी. इधर, धनबाद में माओवादियों ने सड़क निर्माण कंपनी की जेसीबी मशीन दिनदहाड़े 50 की संख्या में पहुंचकर आग के हवाले कर दिया था. अभी सूचना मिल रही है कि धनबाद के पश्चिमी टुंडी के मनियाडीह  के बस्तीकुल्ही  पहाड़ी इलाकों और जंगलों में माओवादियों के हथियार बंद दस्ते सक्रियता बढ़ा दिए है. कई जगहों पर बैठकर करने की सूचना है.  जानकारी के अनुसार बैठक में मुख्य रूप से युवाओं को संगठन से जोड़ने  का प्रयास किया जा रहा है.  साथ ही पुलिस की मुखबिरी करने पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है. 

टुंडी के जंगल के दस्ते में महिलाओं के अधिक होने की खबर 
 
इस दस्ते में काफी संख्या में महिलाओं के होने की भी खबर है. यह दस्ता किसी विशेष प्रयोजन के लिए म नियाडीह के जंगली इलाके में पहुंचा है,ऐसा बताया जाता है. दस्ता को आक्रामक कहा गया है.  हालांकि बैठक की सूचना पर खुफिया विभाग भी सक्रिय हो गया है.  खुफिया एजेंसी ने गतिविधियों की सूचना वरीय अधिकारियों को दे दी है. माओवादियों के किसी बड़े नेता का इलाके में कैंप करने की भी सूचना है. पहाड़ी इलाकों में नक्सलियों ने घंटों बैठक की लेकिन स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी. हालांकि पुलिस का दावा है कि पुलिस चौकस है और हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. कम से कम झारखंड में नक्सली गतिविधियां ठंडी पड़ गई थी लेकिन एक बार फिर सिर उठाने से पुलिस एवं प्रशासन की चिंता बढ़ गई है.  सुप्रीमो की गिरफ्तारी से भी कई तरह की बातें कही जा रही है.  सूत्रों पर भरोसा करें तो पीएलएफआई के लोग धनबाद में भी सक्रिय थे. 

तीन साल पहले धनबाद में अचानक बढ़ गई थी गतिविधियां 
 
3 साल पहले 2020 में पीएलएफआई के लेटर पैड पर धनबाद के कई बड़े कारोबारियों से रंगदारी मांगी गई थी.  बाद में खुलासा हुआ था कि सुप्रीमो दिनेश गोप के कहने पर ही रंगदारी की मांग की गई थी.  इस बीच यह भी  चर्चा है कि हो सकता है कि उन मामलों में धनबाद पुलिस भी दिनेश गोप से पूछताछ करे.  धनबाद के कारोबारियों से नवंबर 2020 में लाल कलम से चिट्ठी लिखकर रंगदारी नहीं देने पर बुरे परिणाम की धमकी दी गई थी.धमकी पाने वाले बैंक मोड़ के कंप्यूटर कारोबारी थे.  लेटर पैड  पर ही कारोबारी के परिवार के सदस्यों का नाम लिखा गया था.  रुपए नहीं देने पर परिवार के सदस्यों को बुरे परिणाम की धमकी दी गई थी.  अपना परिचय सेंट्रल कमेटी के सदस्य के रूप में दिया था.  दिनेश गोप की गिरफ्तारी से कोयलांचल सहित पूरे झारखंड के कारोबारी राहत की सांस ले रहे होंगे. झारखण्ड में  दिनेश गोप की सुरक्षा बलों के साथ कई बार मुठभेड़ हो चुकी है.  हर बार वह बच निकलता था. सूत्रों के अनुसार 2021 में पश्चिमी सिंहभूम और खूंटी जिले के सीमावर्ती रनिया इलाके में हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने पीएलएफआई के जोनल कमांडर को मार गिराया था ,जबकि दिनेश गोप बच निकला था.  इसके बाद भी हुए काउंटर में वह बचता रहा लेकिन रविवार को वह एनआईए के हाथों दबोच लिया गया. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो