रांची (RANCHI): डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय इन दिनों एक गंभीर शिक्षा घोटाले के कारण चर्चा में है. हाल ही में एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें विश्वविद्यालय से जुड़े एक कथित एडमिशन दलाल को एक गरीब छात्र से ₹35,000 लेकर एडमिशन दिलवाने और ₹3,000 लेकर परीक्षा में पास करवाने की बात करते सुना जा सकता है. वह यह भी कहता है कि उपस्थिति, पढ़ाई और फेल होने जैसी समस्याओं से घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है, पैसा दीजिए और डिग्री पाइए. (THE NEWS POST इस औडियो की पुष्टि नहीं करता है)

इस ऑडियो से स्पष्ट होता है कि विश्वविद्यालय में एक सुनियोजित दलाली सिंडिकेट सक्रिय है, जिसमें शिक्षकों, कर्मचारियों और बाहरी दलालों की संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है. यह पूरा नेटवर्क एक तयशुदा कमीशन व्यवस्था के तहत चलता है, जिसमें 5-5 हजार रुपये, तक संबंधित कर्मचारियों में वितरित किए जाने का दावा किया गया है. 

इस प्रकार की व्यवस्था प्रतिभाशाली है लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के भविष्य के साथ क्रूर मज़ाक भी है. ऐसे में शिक्षा का यह मंदिर आज भ्रष्टाचार का अड्डा बनता जा रहा है, जहाँ योग्यता नहीं, जेब की गहराई ही सफलता का मापदंड बन चुकी है. इससे विश्वविद्यालय की साख को गहरी चोट पहुँची है और आम छात्रों में गुस्सा, पीड़ा और असुरक्षा की भावना व्याप्त हो गई है. 

यदि इस प्रकार के दलाल तत्व पर तत्काल लगाम नहीं लगाई गई, तो यह न केवल विश्वविद्यालय की गरिमा को समाप्त कर देगा, बल्कि पूरे राज्य की उच्च शिक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करेगा. ऐसे में यह केवल एक विश्वविद्यालय की समस्या नहीं, बल्कि हमारी पूरी शिक्षा व्यवस्था की कहानी दर्शा रहा है. साथ ही शिक्षा व्यवस्था को भ्रष्टाचार से मुक्त कराना अब समय की माँग है.