टीएनपी डेस्क : ईसाई धर्म के सबसे बड़े गुरु का चुनाव हो गया है. वेटिकन सिटी में सिस्टिन चैपल की चिमनी से सफेद धुआं जैसे ही निकला लोग खुश हो गए. सफेद धुआं निकलने का मतलब होता है कि पोप का चुनाव हो गया है‌. कैथोलिक चर्च के कार्डिनल ने अपने अगले पोप का चुनाव कर लिया है. मालूम हो कि 82 वर्षीय पोप फ्रांसिस का पिछले दिनों निधन हो गया था.

जानिए कौन चुने गए हैं अगला पोप

वेटिकन सिटी में जैसे ही सिस्टिन चैपल की चिमनी से सफेद धुआं निकला, कैथोलिक ईसाई समुदाय के लोग खुश हो गए. उन्हें अपना धर्म गुरु यानी पोप मिल गया. गुरुवार को सेंट पीटर के स्क्वायर में सीनियर कार्डिनल ने घोषणा की है कि अमेरिका के रॉबर्ट प्रीवोस्ट कैथोलिक चर्च के नए पोप होंगे और उन्हें पोप लियो 14 के नाम से जाना जाएगा.

नव चयनित पोप लियो सेंट पीटर्स बेसिलिका की सेंट्रल बालकनी में सिस्टिन चैपल की चिमनी से सफेद धुआं निकलने के करीब 70 मिनट के बाद सभी को दर्शन दिए.उनके नाम की घोषणा फ्रांस के कार्डिनल डोमिनिक माम्बरटी ने की. हजारों लोग इस दौरान मौजूद थे.

कौन है रॉबर्ट प्रीवोस्ट, यह जानिए

 अमेरिका के रॉबर्ट प्रीवोस्ट 69 साल के हैं. अमेरिका के शिकागो के रहने वाले हैं.उनका अधिकांश करियर पेरू में एक मिशनरी के रूप में बीता है. 2023 में कार्डिनल बने थे. पोप फ्रांसिस की मृत्यु के बाद लियो 267 में कैथोलिक पोप बने हैं‌. पोप फ्रांसिस पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे और उन्होंने 12 साल तक कैथोलिक चर्च का नेतृत्व किया.

कैसे पोप का होता है चयन, जानिए

कैथोलिक परंपरा के अनुसार पापेल कान्क्लेव में नए पोप को चुना जाता है. इसमें दुनिया भर से आए कार्डिनल्स पोप का चयन करते हैं. कार्डिनल्स कैथोलिक चर्च के सबसे उच्च रैंक वाले पादरी होते हैं. कार्डिनल्स वेटिकन के अधिकारी होते हैं जिन्हें पोप ही चुनते हैं. कार्डिनल्स नए पोप को चुनने के लिए कई दौर की बैठक भी करते हैं. गोपनीय तरीके से मत के माध्यम से पोप का निर्वाचन होता है. हर दिन चार राउंड की वोटिंग होती है और तब तक यह प्रक्रिया चलती है जब तक किसी उम्मीदवार को दो तिहाई वोट नहीं मिल जाता. इस प्रक्रिया के प्रारंभ में स्पेशल मॉर्निंग गैदरिंग होती है जहां 120 कार्डिनल सिस्टिन चैपल में इकट्ठा होते हैं. यहीं 120 कार्डिनल नए पोप का चुनाव करते हैं. जब तक पोप का चुनाव नहीं हो जाता तब तक कार्डिनल्स बाहर नहीं निकलते हैं. कॉन्क्लेव के अंदर ही वे रहते हैं. नतीजे की घोषणा के लिए तीन कार्डिनल्स को नियुक्त किया जाता है. ये कार्डिनल हर मत के नतीजे को जोर से पढ़ते हैं. जिस किसी उम्मीदवार या दावेदार को निर्धारित दो तिहाई वोट नहीं मिलते तो मतपत्र या बैलट को जला दिया जाता है‌.  जिन केमिकल के माध्यम से वॉलेट को जलाया जाता है उससे बेहद काला धुआं बाहर निकलता है. ठीक इसी तरह जब किसी उम्मीदवार को दो तिहाई वोट मिल जाता है तो कॉलेज आफ कार्डिनल्स के डीन से कहा जाता है कि वह इसे स्वीकार करते हैं. अगर वह इसे स्वीकार कर लेता है तो उसके बाद अंतिम राउंड के बैलट को जला दिया जाता है लेकिन इस बार दूसरा केमिकल इस्तेमाल किया जाता है. इस मतपत्र या बैलेट के जलने से चिमनी से सफेद धुआं निकलता है. तब यह  होता है कि नया पोप चुन लिया गया है.