पलामू (PALAMU) - पलायन का पलामू से गहरा नाता है. मगर पलायन रोकने के प्रति आज तक सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. गर पर्यटन की बात करें तो राजस्व के साथ साथ रोजगार  में इजाफा की अपार  संभावनाएं हैं. लेकिन यह क्षेत्र सरकार की उपेक्षा का शिकार है. पलामू का मलय डैम जहां हर साल नए वर्ष के मौके पर हजारों सैलानी पहुंचते हैं, देख कर यही अहसास होता है.

टापूओं से सजा डैम

पलामू जिले के सतबरवा प्रखंड में मलय डैम इन दिनों पर्यटकों को लुभा रहा है. भारी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं और मलय डैम की खूबसूरती को निहार रहे हैं. अपने परिवार के साथ मौज मस्ती और सेल्फी खिंचवा नज़र आ रहे हैं. मलय डैम कई हजार एकड़ में फैला हुआ है. यहां दर्जन से अधिक अलग-अलग खूबसूरत टापू हैं जो लोगों को आकर्षित करते हैं.

बेसिक सुविधा नदारद

इस डैम में फिलहाल 4 मैनुअल बोट और एक मोटर बोट जैसी सुविधा तो है. लेकिन इस जगह लोगों को अन्य basic facilities जैसे proper टॉयलेट्स, ड्रिंकिंग वाटर, चेंजिंग रूम, बैठने की जगह जैसी व्यवस्था नहीं है. जिससे यहां आई सैलानियों को परेशानी होती है. यहां के आसपास इलाके में विकास के कोई कार्य नहीं किए गए हैं. जिसकी वजह से सैलानी मायूस हो जाते हैं.

क्षेत्र को विकसित करने की जरुरत

सैलानियों का कहना है कि यहां का नजारा काफी खूबसूरत है. साथ ही यहां का वातावरण शुद्ध है. इसका आनंद लेने लोग यहां कुछ समय बैठ कर लेना चाहते हैं. लेकिन इसकी व्यवस्था नहीं है. सरकार और प्रशासन को इसे और विकसित करना चाहिए ताकि आसपास के इलाके के लोगों को रोजगार भी मिल सके और सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति हो सके.

पलायन पर लगेगी रोक

पलामू उपायुक्त शशि रंजन ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि पिछले साल ही मालय डैम को पर्यटन में शामिल करने के लिए पत्र भेजा गया है. पहले चरण का कार्य शुरू हो गया है और जल्दी उससे विकसित किया जाएगा. बता दें कि हर साल पलामू जिले से हजारों लोग रोजगार की तलाश में दूसरे प्रदेश पलायन करते हैं मगर जिले में मलय डैम जैसी कई खूबसूरत अस्थल है. जिसे अगर विकसित किया जाए तो पलामू पर्यटन के क्षेत्र में काफी विकसित होगा और लोगों को रोजगार भी मिलेगा. सरकार को इस ओर ध्यान देने की तभी पलायन को रोका जा सकता है.