टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टूडो ने देश में आपातकाल लगा दिया है. कोविड वैक्सीन को देश में अनिवार्य किए जाने और लॉकडाउन के खिलाफ बड़े स्तर पर विरोध हो रहा है. इसका विरोध कनाडा में सैकड़ों ट्रक ड्राइवर कर रहे हैं. कनाडा की राजधानी ओटावा में प्रदर्शनकारियों की ट्रकों ने तो जाम की स्थिति पैदा कर दी है. मगर ये मामला अब आपातकाल तक सीमित नहीं रहा. यह विवाद अब धार्मिक भी होता जा रहा है. दरअसल, कनाडा सरकार बिल सी-229 लायी है. यह बिल नाजी स्वास्तिक, कू क्लक्स क्लान के प्रतीक चिन्ह और कॉन्फेडरेट झंडे जैसे प्रतीकों के प्रदर्शन या बिक्री को प्रतिबंधित करता है.

'स्वास्तिक' को नाजियों के प्रतीक 'हकेनक्रेज' के साथ न मिलाएं

इसी बीच अमेरिका के एक प्रमुख हिंदू संगठन ने प्रधानमंत्री ट्रूडो और भारतीय मूल के नेता जगमीत सिंह से आग्रह किया है कि वे हिंदुओं के शुभ प्रतीक 'स्वास्तिक' को नाजियों के प्रतीक 'हकेनक्रेज' के साथ न मिलाएं. हकेनक्रेज स्वास्तिक के जैसा ही दिखता है. बता दें कि कनाडा में हो रहे प्रदर्शन में कथित रूप से स्वास्तिक और कॉन्फेडरेट झंडे लहराए गए हैं. इसे लेकर न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के भारतीय मूल के नेता जगमीत सिंह ने ट्वीट किया था कि कनाडा में स्वास्तिक और कॉन्फेडरेट झंडे का कोई स्थान नहीं है. हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने सभी समुदायों को सुरक्षित रखें. प्रदर्शनकारियों पर स्वास्तिक लहराने का आरोप लगाते ट्रूडो और NDP नेता दोनों ने हाल के दिनों में बयान दिए हैं.

स्वास्तिक हिंदुओं, बौद्धों, सिखों कई समुदायों के लिए एक शुभ प्रतीक है

इसपर अमेरिका स्थित हिंदूपैक्ट नामक हिंदू संगठन ने इन बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई है. संगठन ने ट्रूडो और जगमीत सिंह से आग्रह किया है कि वे स्वास्तिक और हकेनक्रेज को लेकर भ्रमित न हों. स्वास्तिक हिंदुओं, बौद्धों, सिखों और दुनिया भर के कई समुदायों के लिए एक प्राचीन और शुभ प्रतीक है जबकि हकेनक्रेज 20वीं सदी के नाजी नफरत का प्रतीक माना जाता है.