TNPDESK: हरियाणा ADGP वाई पूरन आत्महत्या मामला में अब नया मोड समाने आया है. रोहतक में एक एएसआई ने खुद को गोली मार ली. इससे पहले उसने एक नोट लिखा और वीडियो बना कर जारी किया. जिसमें ADGP पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया. साथ ही DGP को ईमानदार बताया है. इस आत्म हत्या के बाद से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया. क्योंकि ADGP के गण मैन के खिलाफ वसूली केस में जांच का जिम्मा एएसआई के पास था. लेकिन इस बीच आत्म हत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए है.
बता दे कि हरियाणा के सीनियर आईपीएस अधिकारी ADGP वाई पूरन कुमार ने बीते दिनों खुद को गोली मार ली थी. जिससे उनकी जान चली गई. इस मामले में अभी पुलिस जांच कर रही थी. इसमें आत्म हत्या के पीछे की वजह निकालने की कोशिश की जा रही है. इस बीच ही फिर एक सुसाइड ने पूरे पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया. आखिर कैसे एक के बाद एक जान जा रही है. कौन सही और कौन गलत है.
हरियाणा -
— इन्द्रमणि उपाध्याय (@indramani1996) October 14, 2025
IPS पूरण कुमार आत्महत्या का मामला -
मामले में नया मोड़-
मामले में जांच कर रहे ASI संदीप कुमार लाठर ने किया सुसाइड पूरन कुमार पर लगाए गंभीर आरोप !!
हरियाणा में क्या चल रहा है ? MHA,PMO दखल दे !!#hariyana #iassuicide #poorankumar pic.twitter.com/qF1TZYpPn1
आत्म हत्या से पहले एएसआई संदीप कुमार लाटर तीन पेज का नोट लिखा और एक वीडियो संदेश भी बनाया. वह साइबर सेल में तैनात थे. इस बीच आत्महत्या में उन्होंने ने पूरन कुमार पर गंभीर आरोप लगाया है. नोट में लिखा है कि वह एक भ्रष्ट अधिकारी थे. और पूरे सिस्टम को बर्बाद कर रखा था. DGP राज्य में बेहतर पुलिसींग पर काम कर रहे है. लेकिन कुछ अधिकारी सिर्फ लूट में लगे है. जिसमें हर कोई काम नहीं कर सकता है.
नोट में क्या लिखा
उन्होंने अपने नोट में लिखा है “कोई आवाज उठाने की कोशिश करता तो कहता कि मेरा बाल भी बांका नहीं कर सकता है. रवाली आईएएस है और साला एमएलए है और पूरी फैमिली एससी आयोग में है. मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा. आईजी पूरन कुमार को भ्रष्टाचार करने की ताकत मिलती थी और उन्होंने दबाकर भ्रष्टाचार किया. उच्च अधिकारियों और सीएम की जानकारी में यह बात आने पर उनका ट्रांसफर किया गया. ट्रांसफर के बाद एक व्यापारी, जिसे बदमाशों और गुंडों द्वारा पहले भी धमकी दी गई थी, उसको अपने ऑफिस में बुलाकर बेइज्जत किया और मां-बहन की गालियां दी. उनके (व्यापारी) ऑफिस में जाकर गनमैन सुशील कुमार ने पैसे लिए जिसकी सीसीटीवी फुटेज और वॉयस रिकॉर्डिंग पेश करके जिसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. आईजी साहब का केस में नाम आने पर उन्होंने जातिगत आयोग का सहारा और राजनीतिकरण रंग देने के लिए झूठा सुसाइड नोट तैयार करके आत्महत्या की. जिस बारे में केवल गिरफ्तारी से बचने के लिए यह कदम उठाया और आईएएस वाले ईमानदार अफसरों को टारगेट करने का मौका मिल गया. पूरे हरियाणा में जातिगत जहर घोलकर ईमानदार और कर्मठ अधिकारियों को प्रताड़ित कर रहे हैं.'

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