दुमका (DUMKA) :  30 जून को हूल दिवस पर हूल विद्रोह के नायक सिदो कान्हु की जन्म स्थली भोगनाडीह में जमकर बबाल हुआ. एक तरफ सिदो कान्हु के वंशज मंडल मुर्मू और संताल समाज के लोग थे तो दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन. धक्का मुक्की से शुरू हुआ बबाल तीर धनुष और आंसू गैस के गोले तक पहुंच गया. दोनों तरफ से लोग घायल हुए. और तो और सिदो कान्हु के वंशज मंडल मुर्मू के भी घायल होने की बात कही जा रही है. इस घटना की जितनी भी निंदा की जाय कम है क्योंकि हूल दिवस जो संताल परगना प्रमंडल में किसी उत्सव से कम नहीं है, उस दिन हूल विद्रोह के नायक की जन्म स्थली पर खून खराबा कहीं से भी उचित नहीं है.

भोगनाडीह बबाल के बाद नेता चला रहे है शब्द वाण

घटना के बाद से ही सूबे की सियासत गरमाई हुई है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोग आमने सामने है. भोगनाडीह में भले ही धनुष से वाण निकलना बंद हो गया, लेकिन नेताओं द्वारा शब्द वाण चलाए जा रहे है. इस मामले में सोमवार को दुमका पहुंची मंत्री दीपिका पांडे सिंह द्वारा कहा गया था कि हूल दिवस से एक सप्ताह पूर्व से ही भाजपा नेता संताल परगना के दौरे पर थे, उनके द्वारा कॉन्सपिरेसी न की गई हो ऐसा हो ही नहीं सकता. 

मंत्री दीपिका ने जताई थी भाजपा द्वारा षडयंत्र रचने की आशंका, एसपी की प्रेसवार्ता से हुई पुष्टि

मंत्री की आशंका को मंगलवार को तब और ज्यादा बल मिल गया जब गोड्डा एसपी ने प्रेसवार्ता कर भोगनाडीह बबाल के मास्टरमाइंड सहित 2 आरोपियों को गिरफ्तार करने की जानकारी मीडिया को दी. गिरफ्तार आरोपी का नाम सुधीर कुमार और कार चालक गणेश मंडल है. सुधीर जमशेदपुर का रहने वाला है जबकि गणेश उड़ीसा का. बताया जा रहा है कि सुधीर पूर्व सीएम चंपई सोरेन का सोशल मीडिया हैंडल करता था. उसके पास से अवैध हथियार और गोली भी बरामद हुआ है. एसपी ने यह भी कहा कि जमशेदपुर का रहने वाला सुधीर 20 जून से ही साहिबगंज के बरहेट और बोरियो प्रखंड में घूम घूम कर लोगों के बीच धोती, साड़ी, हथियार और रुपया बांट रहा था. इस बाबत आधा दर्जन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी. साहिबगंज पुलिस की इनपुट पर गोड्डा पुलिस ने यह कार्रवाई की. एसपी की प्रेसवार्ता मंत्री दीपिका पांडे सिंह की आशंका को सच साबित करता है.

गोड्डा के पूर्व विधायक अमित मंडल ने गिरफ्तारी को प्रथम दृष्टया फर्जी

एसपी की प्रेसवार्ता के बाद एक बार फिर सियासत गरमाने लगी है. गोड्डा के पूर्व विधायक अमित मंडल सोशल साइट फेसबुक पर एक पोस्ट किया है. एसपी की प्रेसवार्ता की तस्वीर लगाकर अमित मंडल ने लिखा कि "जनाक्रोश सरकार के खिलाफ जाता देख सरकार ने अपने तंत्र का इस्तेमाल कर मुद्दे को भड़काने का एक अच्छा प्रयास किया है. सांच को आंच क्या? लेकिन एक बात तो तय है कि हेमंत की सरकार ममता की सरकार से बहुत कुछ सीख रही है. जिसका उदाहरण यह गिरफ्तारी है जो की प्रथम दृष्टया ही फर्जी प्रतीत हो रहा है."

अभी और बढ़ेगी झारखंड की राजनीतिक तपिश

भोगनाडीह बबाल की जांच ज्यों ज्यों आगे बढ़ेगी कई नए तथ्य सामने आयेंगे. फाइनल जांच रिपोर्ट क्या आता है इसके लिए तो जरूर इंतजार करना पड़ेगा लेकिन इतना तय है कि भोगनाडीह बबाल के बाद झारखंड की राजनीतिक तपिश और बढ़ेगी.

रिपोर्ट-पंचम झा