धनबाद(DHANBAD): जाति जनगणना का क्रेडिट लेने की होड़ के बीच शनिवार को पटना में "पिछड़ा जगाओ "रैली हुई. रैली को संबोधित करते हुए पूर्व डिप्टी सीएम और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हमें एक मौका दीजिए, सभी का इलाज हो जाएगा. अपराध और भ्रष्टाचार करने वाले जेल जाएंगे, वर्तमान सरकार पर आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार चरम पर है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि भाजपा ने नीतीश कुमार को "हाईजैक" कर लिया है. राजद की ओर से पटना के मिलर हाई स्कूल मैदान में शनिवार को अति पिछड़ा जगाओ रैली का आयोजन हुआ. तेजस्वी यादव सरकार पर खूब बरसे. उन्होंने दावा किया कि बिहार में नई सरकार अब बनने ही वाली है. नई सरकार अति पिछड़ों को सम्मान देगी.
नई सरकार बनी तो लंपटों का होगा इलाज
उन्होंने यह भी कहा कि खेत में नया ब्रांड का बीज लगाना है, एक मौका दीजिये. नई सरकार बनाइये. आपकी नौकरी और सुरक्षा की जिम्मेदारी तेजस्वी यादव की होगी. अपराध और भ्रष्टाचार करने वाला जेल जाएंगे, लंपटो का इलाज होगा. जो कानून तोड़ेगा, वह छोड़ा नहीं जाएगा. इधर, पटना में बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि जातिगत जनगणना पर तेजस्वी यादव, राहुल गांधी और अखिलेश यादव को बोलने या राजनीति करने का कोई हक नहीं है. इन लोगों में प्रधानमंत्री के कार्य पर क्रेडिट लेने की होड़ मची हुई है. बताया जाता है कि जाति जनगणना पर बिहार विधानसभा के प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. पत्र के जरिए उन्होंने कई मांग प्रधानमंत्री से की है. इस पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रतिक्रिया दे रहे थे.
विपक्ष के पास कुछ बचा नहीं, तो तेजस्वी यादव चिट्ठी लिख रहे
उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कुछ बचा नहीं, तो तेजस्वी यादव चिट्ठी लिख रहे है. शाहनवाज हुसैन ने कहा कि जातीय जनगणना पर तेजस्वी यादव की जो राजनीति थी, वह खत्म हो गई. बीजेपी ने उनके पास की गेंद को छीन लिया है. बीजेपी अब चैंपियन बन गई है. भारतीय जनता पार्टी ने मास्टर स्ट्रोक खेल कर इसका ऐलान कर दिया है. यह लोग आंदोलन की प्लानिंग बना रहे थे, पर उनके सपने धरे के धरे रह गए. अब पत्र लिखकर क्रेडिट लेना चाहते है. इससे कुछ होने वाला नहीं है. इस मुद्दे पर उनकी हर कोशिश बेकार जाएगी. तेजस्वी यादव ने जाति जनगणना पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. इस पत्र में प्रधानमंत्री से निजी क्षेत्र, न्यायपालिका, ठेकेदारी जैसे क्षेत्रों में संख्या आधारित आरक्षण की मांग की है. उन्होंने जाति जनगणना को देश में समानता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम भी बताया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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